प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 मई) को नये संसद भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास सेंगोल को भी स्थापित किया गया। वहीं, कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों उद्घाटन कराने की मांग को लेकर इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नए संसद भवन के डिजाइन को अफ्रीकी देश सोमालिया की पुरानी संसद से कॉपी किया गया बताया है।
सोमालिया की पुरानी संसद से कॉपी किया गया है नयी संसद भवन का डिजाइन
टीएमसी सांसद जवाहर सरकार के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने लिखा कि क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं कि सोमालिया द्वारा खारिज की गई संसद की बिल्डिंग हमारे पीएम की प्रेरणा है।
कांग्रेस नेता ने लिखा, “जवाहर सरकार को पूरे नंबर। क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं कि सोमालिया द्वारा रिजेक्ट की गई संसद की बिल्डिंग हमारे प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा है।” इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने मांग उठाई कि कॉपी कैट आर्किटेक्ट से 230 करोड़ रुपये की वसूली की जाये।
टीएमसी सांसद ने उठाया नए संसद भवन के डिजाइन पर सवाल
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने सोमवार (29 मई) को ट्वीट कर कहा था कि गुजरात से मोदी के पालतू आर्किटेक्ट ने सोमालिया की पुरानी संसद की नकल करने के लिए 230 करोड़ रुपये चार्ज किया है। जवाहर सरकार ने ट्वीट कर लिखा, “सोमालिया ने अपनी पुरानी संसद को खारिज कर दिया है, वह नए भारत की प्रेरणा है। गुजरात से मोदी के पालतू आर्किटेक्ट जो हमेशा प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मोदी के मेगा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करते हैं (अहमदाबाद, वाराणसी, दिल्ली की संसद + सेंट्रल विस्टा में) ने हमसे सोमालिया के डिजाइन की नकल करने के लिए 230 करोड़ रुपये का शुल्क लिया।”
64,500 वर्ग मीटर में बना है नया संसद भवन
त्रिभुजाकार आकार वाला नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर में बना है। इस चार मंजिला इस इमारत में तीन मुख्य द्वार हैं जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। नए संसद में वीआईपी के लिए अलग एंट्री दी गई है। वहीं सासंदों और विजिटर्स के लिए अलग प्रवेश द्वार होंगे। नई संसद को भव्य रूप देने के लिए नोएडा और राजस्थान के राजनगर से पत्थर की जाली मंगाई गई है। भवन के निर्माण के लिए फ्लाई ऐश की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं।
नयी बिल्डिंग के लिए कालीन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगाए गए। वहीं संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई। संसद भवन के लिए लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, अजमेर के पास लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी से मंगवाया गया है। इसके साथ ही हरा पत्थर उदयपुर से लाया गया। नई संसद में अधिकांश फर्नीचर सागौन की लकड़ी से बना है, जिसे मुंबई में तैयार किया गया है।