प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सर्वदलीय बैठक से बुधवार (19 जून, 2019) को कांग्रेस ने किनारा कर लिया। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा तृणमूल कांग्रेस चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और कुछ बाकी गैर एनडीए दलों के नेता इस बैठक में नहीं पहुंचे।
‘पीटीआई-भाषा’ को कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र ने बताया- कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुई, क्योंकि एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार से वह सहमत नहीं है। पार्टी नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं और कुछ सहयोगी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया।
वैसे, इस मुद्दे पर कांग्रेस व सहयोगी दलों की बुधवार सुबह संसद में बैठक थी, पर कांग्रेस चीफ राहुल गांधी के जन्मदिन से जुड़े कार्यक्रम के चलते यह बैठक नहीं हुई। बता दें कि मुख्य विपक्षी दल पूर्व में भी ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का विरोध करती रही है।
हालांकि, इस मीटिंग में पीएम मोदी और बीजेपी के कट्टर आलोचक माने जाने वाले एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सीपीआई के सीताराम येचुरी व सुधाकर रेड्डी संग डी.राजा भी शामिल हुए। यही नहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी बैठक का हिस्सा बनीं।
Delhi: Inside visuals of the meeting of heads of political parties in Parliament, under chairmanship of PM Narendra Modi. JDU's Nitish Kumar, NC's Farooq Abdullah, SAD's Sukhbir Singh Badal, BJD's Naveen Patnaik, PDP's Mehbooba Mufti, YSRCP's Jagan Mohan Reddy & others present. pic.twitter.com/KYgEHRjAtv
— ANI (@ANI) June 19, 2019
वहीं, सीएम ममता ने एक देश, एक चुनाव के मुद्दे पर बैठक का आमंत्रण ठुकराते हुये सरकार से इस मुद्दे पर व्यापक विचार मंथन के लिए श्वेत पत्र जारी करने की मांग की थी। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी नहीं पहुंचे।
हालांकि, उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को बैठक में भेजा। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन भी नहीं आए। इसी बीच, मायावती का ट्वीट आया, जिसमें कहा गया कि अगर ईवीएम के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक होती तो वह इसमें जरूर शामिल होतीं।
दरअसल, पीएम मोदी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ (लोकसभा व विधानसभा चुनाव साथ कराने को लेकर) और महात्मा गांधी की 15वीं जयंती के कार्यक्रम सहित पांच महत्वपूर्ण मसलों को लेकर यह सभी पार्टियों के नेताओं को इस बैठक के लिए बुलाया था। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)