उत्तर प्रदेश में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के खराब प्रदर्शन का दौर जारी है। गोरखपुर और फूलपुर में पार्टी के उम्मीदवार जमानत बचाने में भी विफल रहे। कांग्रेस ने गोरखपुर से सुरहिता चटर्जी करीम को और फूलपुर से मनीष मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। दिलचस्प है कि मनीष उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी हैं। उनके पिता और पूर्व आईएएस अधिकारी जेएस. मिश्रा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और क्षेत्र में सक्रिय रहते हैँ। वह नौकरी छोड़ कर इंदिरा गांधी के निजी सचिव बन गए थे। इसके बावजूद मनीष जमानत नहीं बचा सके।

सुरहिता चटर्जी भी गोरखपुर के लोकप्रिय चेहरों में से एक हैं। उन्होंने वर्ष 2012 में गोरखपुर के मेयर का चुनाव लड़ा था। तब उन्हें एक लाख वोट मिला था। वह शहर में एक नर्सिंग होम भी चलाती हैं। बता दें कि कांग्रेस के यूपी प्रमुख राज बब्बर ने सपा और बीजेपी से पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। उनके फैसले ने उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को चौंका दिया था। आरोप लगाया गया था कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा से पहले उन्होंने स्थानीय नेताओं के साथ एक बार भी चर्चा या बैठक नहीं की थी।

यूपी में पार्टी को मजबूत करेंगे राहुल गांधी: कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के दोनों लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज के उपचुनावों में जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई। नतीजों से स्पष्ट है कि मतदाताओं में भाजपा के प्रति बहुत क्रोध है। मतदाता उस गैर भाजपाई उम्मीदवार के लिए वोट करेंगे जिनके जीतने की संभावना सबसे ज्यादा होगी। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में नवनिर्माण के लिए तत्पर है, लेकिन यह रातों-रात नहीं होगा।’ बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश में सफलता नहीं मिलने की स्थिति में दिल्ली की राह मुश्किल हो जाती है। कांग्रेस अभी से ही 2019 की तैयारियों में जुट गई है। इसके लिए बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, ताकि उन्हें सक्रिय कर बूथ मैनेजमेंट को मजबूत किया जा सके।