Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है। जिसको लेकर ट्रस्ट की तरफ सभी जानी-मानी हस्तियों, नेताओं, अभिनेताओं, खिलाड़ियों, कलाकारों को निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन जो सबसे बड़ी बात है, वो यह है कि इस कार्यक्रम के आयोजन से देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दूरी बना ली है। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी।

कांग्रेस ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा का कार्यक्रम बताया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस ने इस तरह के आयोजन दूरी बनाई है। भाजपा ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाने के फैसले को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी ने कई ऐसे मौके गिनाए, जब कांग्रेस ने इस तरह के बड़े और भव्य कार्यक्रमों का बहिष्कार किया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस नकारात्मक राजनीति करती है और हर चीज का बहिष्कार कर रही है, इसलिए जनता ने कांग्रेस का बहिष्कार कर दिया है। त्रिवेदी ने कहा कि यह गांधी (महात्मा गांधी) की नहीं बल्कि नेहरू (जवाहरलाल नेहरू) की कांग्रेस है।
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस की तरफ से बहिष्कार किए गए सभी कार्यक्रमों को भी गिनाया। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, कांग्रेस की बहिष्कार करने वाली परंपरा रही है। मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था।

  1. जनवरी 2024: राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला था, लेकिन कांग्रेस ने इस आयोजन से दूरी बनाने का फैसला किया है।
  2. सितंबर 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा G-20 समिट के दौरान रात्रिभोज का आयोजन किया गया था। इसके लिए कांग्रेस के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेशों समेत तमाम नेता इसमें शामिल नहीं हुए थे। हालांकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
  3. मई 2023: इसी तरह मई 2023 में नई संसद का उद्घाटन हुआ था। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया था। इन पार्टियों का कोई भी नेता नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ था।
  4. जनवरी 2021: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संसद के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था।
  5. दिसंबर 2020: कांग्रेस ने नई संसद भवन के भूमि पूजन समारोह का भी बहिष्कार किया था।
  6. अगस्त 2019 : प्रणब मुखर्जी को जब भारत रत्न दिया गया था, तब इस समारोह में मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और सोनिया गांधी अनुपस्थित रहे थे, लेकिनि कांग्रेस के कई अन्य नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
  7. जून 2017: कांग्रेस ने GST लागू होते वक्त संसद के सत्र का बहिष्कार किया था।
  8. 1951: जवाहर लाल नेहरू कथित तौर पर सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में राजेंद्र प्रसाद की उपस्थिति के खिलाफ थे, इसलिए उन्होंने इस आयोजन से दूरी बनाने का फैसला किया था।
  9. 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया।