सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार के नोटबंदी (Demonetisation) वाले फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी का फैसला सरकार का सही था और उचित प्रक्रिया का पालन करके ही यह फैसला लिया गया था। पांच जजों की बेंच में 4 जजों ने सरकार के फैसले को सही ठहराया, जबकि एक जज ने इससे असहमति जताई। वहीं अब इस फैसले पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम मानने के लिए बाध्य- P Chidambaram

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (Congress Leader P Chidambaram) में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम स्वीकार करते हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने नोटबंदी के फायदे गिनाए।

पी चिदंबरम ने फैसले पर टिपण्णी करते हुए ट्वीट कर लिखा, “एक बार माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कानून घोषित कर दिया है, हम इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं। हालाँकि यह ध्यान देना आवश्यक है कि बहुमत ने निर्णय के ज्ञान को बरकरार नहीं रखा है। न ही बहुमत ने यह निष्कर्ष निकाला है कि घोषित उद्देश्यों को प्राप्त किया गया था। वास्तव में अधिकांश लोगों ने इस सवाल से दूरी बना ली है कि क्या उद्देश्यों को हासिल किया गया?”

नोटबंदी से 2.38 लाख शेल कंपनियां पकड़ी गई- रविशंकर प्रसाद

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नोटबंदी के फायदे गिनाए। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिकता को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर हंगामा खड़ा किया था। नोटबंदी के अगले साल ही टैक्स कलेक्शन में 18% की वृद्धि हुई थी और 2.38 लाख शेल कंपनियां भी पकड़ी गई थीं।”

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोर्ट ने माना सरकार की नियत ठीक थी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा हमला था।

महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने फैसले को सर्वोच्च मुहर करार दिया। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अब यह भी घोषित किया है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी सही थी। नोटबंदी पर यह मोदी जी को निशाना बनाने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुंह पर करारा तमाचा है।”