फ्रांस में राफेल डील पर नये सिरे से जांच हो रही है। इस जांच ने भारत में राजनीतिक बयानबाजी का हवा दे दी है। इस डील को लेकर कांग्रेस एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है। कांग्रेस का कहना है कि दस्तावेज बताते हैं कि बिचौलियों को करोड़ों रुपए मिले। पार्टी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि 24 घंटे में भी सरकार का जवाब क्यों नहीं मिला?

फ्रेंच मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार राफेल डील पर दोबारा जांच का आदेश दिया गया है। इसके लिए स्पेशल जज की नियुक्ति की गई है। आरोप है कि इस पूरे डील में एक भारतीय को मध्यस्थता के लिए मोटी रकम दी गई है। सरकार और कंपनी इन आरोपों से इनकार कर रही है। दोनों का कहना है कि साझेदारी के लिए जा कागजात बनाए गए थे। उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इसमें किसी भी तरह के मीडिल मैन की जरूरत नहीं होगी।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना है कि 59000 करोड़ की डील अब जांच के दायरे में है। कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना है कि जब फ्रांस की सरकार इस बात को मानती है कि इस सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

दूसरी तरफ कांग्रेस की बयानबाजी का भारतीय जनता पार्टी ने जवाब दिया है कि राहुल गांधी का इस्तेमाल इस डील में प्रतिस्पर्धा कर रही कंपनियों के मोहरे बन गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और ऑडिटर जनरल रिपोर्ट में इस डील में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। कांग्रेस के सारे आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने यूपीए के शासन काल में हुए रक्षा सौदे की याद भी दिला दी।

उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार की चुप्पी पर फिर से सवाल उठाए हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए हिंदी में ट्वीट भी किया। उनका सवाल था कि सरकार संसदीय समिति की जांच से क्यों घबरा रही है। उधर, इस मामले पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया। उनका कहना है कि इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री भी चुप हैं जैसे फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति चुप हैं। बकौल प्रियंका, तीन चीजें कभी छुपी नहीं रह सकती। सूरज, चांद, सच।