पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर उनसे बलात्कार के मामलों में 15 दिन की सुनवाई और “अनुकरणीय सजा” का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सख्त केंद्रीय कानून लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के “संवेदनशील मुद्दे” के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री से कोई जवाब नहीं मिला है। सीएम ने बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों से निपटने के लिए कड़े कानून की आवश्यकता पर जोर दिया।

सीएम बोलीं- बलात्कार की घटनाओं पर कठोर केंद्रीय कानून की जरूरत

सीएम ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, “कृपया मेरा पत्र संख्या 44-सीएम दिनांक 22 अगस्त, 2024 (कॉपी अटैच है) को देखें, जिसमें बलात्कार की घटनाओं पर कठोर केंद्रीय कानून की आवश्यकता और ऐसे अपराधों के अपराधियों को अनुकरणीय दंड देने की आवश्यकता के बारे में बताया गया है।”

उन्होंने कहा, “इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। हालांकि, भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री से एक उत्तर मिला है, जो मेरे पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता को बमुश्किल दर्शाता है। मुझे लगता है कि इस सामान्य उत्तर को भेजते समय विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता को पर्याप्त रूप से नहीं समझा गया है।”

सीएम ममता बनर्जी ने अपने दूसरे पत्र में बलात्कार के मामलों की गंभीरता को देखते हुए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया। इसमें लिखा, “मैं इस क्षेत्र में राज्य द्वारा पहले से उठाए गए कुछ कदमों का भी जिक्र करूंगी, जिन्हें उत्तर में नजरअंदाज किया गया है।”

उन्होंने पत्र में कहा, “फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) के संबंध में राज्य सरकार द्वारा 10 विशेष पोक्सो कोर्ट को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा पूरे राज्य में 88 एफटीएससी और 62 पोक्सो नामित कोर्ट पूरी तरह से राज्य के वित्त पोषण पर काम कर रहे हैं, मामलों की निगरानी और निपटान पूरी तरह से अदालतों के हाथों में है।”

उन्होंने यह भी कहा, “केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केवल सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को ही एफटीएससी में पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात किया जा सकता है, लेकिन माननीय हाईकोर्ट ने देखा है कि मामलों की गंभीरता को समझते हुए स्थायी न्यायिक अधिकारियों को तैनात करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत सरकार के स्तर पर जांच और उसके बाद उचित कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसके लिए आपका हस्तक्षेप आवश्यक होगा।”