प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (22 अक्टूबर) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के 4. 5 लाख लोगों के घरों का उद्घाटन किया। इन घरों को सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत बनवाया है। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि टैक्स पेयर जब देखता है कि उससे वसूले गए रुपयों से मुफ़्त की रेवड़ी बांटी जा रही है तो वह दुखी होता है।
पीएम मोदी के इस बयान पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए कई सवाल किए हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, “लोग महंगाई से बहुत ज़्यादा परेशान हैं। जनता को मुफ्त शिक्षा, मुफ्त इलाज, मुफ्त दवाइयां, बिजली क्यों नहीं मिलनी चाहिए? नेताओं को भी तो इतनी फ्री सुविधायें मिलती हैं। कितने अमीरों के बैंकों के कर्जे माफ कर दिये। बार बार मुफ्त रेवड़ी बोलकर जनता का अपमान मत कीजिए।”
दरअसल, पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए राजनीति में रेवड़ी कल्चर की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि देश में एक बड़ा वर्ग इससे मुक्ति दिलाने के लिए कमर कस रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “जब टैक्सपेयर्स को लगता है कि उसका पैसा सही जगह पर लग रहा है तो वह खुश होता है और ज्यादा टैक्स देता रहता है।”
टैक्सपेयर्स को संतोष: PM ने कहा था, “आज देश के टैक्सपेयर्स को यह संतोष है कि कोरोना काल में करोड़ों लोगों की मदद करके वह कितनी बड़ी सेवा का काम कर रहा है। इसको लेकर कई करदाता उन्हें खुलकर चिट्ठी लिख रहे हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि देश में एक बड़ा वर्ग रेवड़ी संस्कृति से मुक्ति दिलाने के लिए कमर कस रहा है।”
मुफ्त की रेवड़ी बांटने पर लोगों को दुख: प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘‘हर करदाता सोच रहा होगा कि जैसे मैं दिवाली मनाता हूं, मध्य प्रदेश में गरीब भाई भी रोशनी के त्योहार के दौरान खुश हैं। उन्हें पक्का घर मिल रहा है। उनकी बेटी की जिंदगी में सुधार होगा। लेकिन जब यह करदाता देखता है कि उससे वसूले गए रुपयों से मुफ्त की रेवड़ी बांटी जा रही है, तो उसे दुख होता है।”
वहीं, सोशल मीडिया पर लोगों ने अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। पी सिंह (@prabhak47974192) नाम के यूजर ने लिखा, “जनता को पंगु मत बनाओ केजरी जी । स्वाभिमानी जनता मेहनत करके अपना घर चला सकती है। जनता के पैसे को ऐसे लुटाओगे यह जनता नहीं चाहती है।” भूषण (@Mr_Bhushan_92) ने लिखा, कोई परेशान नहीं है। न ही हम को फ्री का कुछ चाहिए। हो सकता है कुछ गिने चुने लोग इस जाल में फंस जाएं, लेकिन हर जगह रेवड़ियां नहीं चलेंगी। वैसे भी फ्री की रेवड़ियां बांटने वाले कौनसा अपनी व्यक्तिगत सम्पत्ति में से देता है। आज का फ्री, कल बहुत महंगा पड़ता है।”
