Assam Govt Order: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की है कि अब सभी नए आधार कार्ड आवेदकों को अपने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स का रसीद नंबर जमा करना होगा। उन्होंने कहा कि यह असम सरकार की तरफ से चलाए जा रहे अभियान का ही हिस्सा है। इतना ही नहीं सीएम ने धुबरी, बारपेटा और मोरीगांव का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि यहां पर आबादी से ज्यादा आधार कार्ड हैं।
सीएम सरमा ने कहा कि इन तीन मुस्लिम बाहुल्य जिलों धुबरी, बारपेटा और मोरीगांव में काफी धड़ल्ले से आधार कार्ड बने हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन जिलों में संदिग्ध विदेशी लोगों ने भी आधार कार्ड लिए हैं। सरमा ने यह भी कहा कि इसी वजह से राज्य सरकार ने आधार कार्ड जारी करने के लिए एसओपी जारी करने का फैसला लिया है। अब एनआरसी का रसीद नंबर भी देना होगा। यह साल 2015 में आवेदन करते वक्त दी गई थी।
कितने लाख लोगों ने आवेदन किया
एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया साल 2019 के बाद से ही अधर में लटकी हुई है। यह साल 2015 में शुरू की गई थी। यह प्रक्रिया यह तय करने के लिए शुरू की गई थी कि क्या कोई आवेदक 24 मार्च, 1971 से पहले राज्य में एंट्री कर चुका है। जिन भी लोगों ने इस डेट से पहले असम में एंट्री की है तो उन्हें एनआरसी में शामिल किया जाना था और उन्हें नागरिक के तौर पर मान्यता दी जानी थी। वहीं अब बात करें कि जिन लोगों को एनआरसी से बाहर रखा गया था तो उन्हें राज्य के फॉरेन ट्रिब्यूनल सिस्टम में केस का सामना करना था।
इस प्रक्रिया के लिए मार्च से अगस्त 2015 के बीच में आवेदन किए गए थे और 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया था। अगस्त 2019 में लास्ट एनआरसी में 19 लाख आवेदकों को बाहर कर दिया गया था। हालांकि, अभी तक उस एनआरसी को जारी नहीं किया गया है। सरमा ने कहा कि जो लोग एनआरसी के लिए आवेदन करने वाले 3.3 करोड़ लोगों में शामिल नहीं है, उन्हें आधार कार्ड जारी नहीं किए जाएंगे।
चाय बागान समुदाय के लोगों को मिलेगी थोड़ी राहत
असम के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगर किसी शख्स का नाम एनआरसी में शामिल किया गया या नहीं, यह बिल्कुल अलग बात है, लेकिन उसे आवेदक होना चाहिए। अगर आपने आवेदन ही नहीं किया तो इसका मतलब यह है कि आप असम में थे ही नहीं। इसके बाद शुरुआती तौर पर यह माना जा सकता है कि वह शख्स 2014 के बाद ही असम में आया था।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर के महीने से असम में आधार कार्ड को लेना काफी मुश्किल भरा होने वाला है। इतना ही नहीं सरमा ने कहा कि चाय बागान समुदाय के लोगों को इसमें थोड़ी सी छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा इस वजह से किया जा रहा है क्योंकि इसके एक बहुत ही बड़े हिस्से को आधार कार्ड राज्य सरकार नहीं दे पाई है। सरमा ने कहा कि आधार कार्ड को जारी करने का काम केंद्र सरकार का है, लेकिन उसने असम सरकार को भी कुछ पावर दी हुई हैं।