2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी एक्टिव मोड़ में दिखाई दे रही है। बुधवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस पार्टी की बैठक में दो कांग्रेसी मुख्यमंत्री- राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल शामिल हुए। इस बैठक में चुनावी रणनीतिकर प्रशांत किशोर ने पार्टी के बड़े नेताओं के सामने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को लेकर एक विसृत प्रस्तुति को पेश किया, जिस पर दोनों मुख्यमंत्रियों ने कई सवाल भी पूछें।

कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं को समय-समय पर कांग्रेस के संगठन में जिम्मेदारी संभालने का लंबा अनुभव है। प्रशांत किशोर ने उनके साथ मीटिंग में बूथ स्तर पर पार्टी का कैडर तैयार करने के अलावा जनता तक संदेश को कैसे पहुंचाया जाए और किस तरह से गठबंधन के लिए किसी पार्टी को चुनना है इस बार बातचीत की। इसके साथ ही जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी मजबूत है वहां संगठन का विस्तार और पार्टी में नए नेताओं कैसे लाना है इस पर चर्चा की गई।

जानकारी के मुताबिक 10 जनपद पर हुई इस मीटिंग में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुई थी और यह मीटिंग करीब 5 घंटे तक चली। मीटिंग के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी के बड़े नेताओं से प्रशांत किशोर द्वारा दिए गए सुझावों में से कार्यवाही योग्य बिंदुओं की एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सौंपने को कहा। वहीं, कांग्रेस के बड़े नेताओं का विचार विमर्श अगले दो दिनों तक जारी रहेगा।

प्रशांत किशोर की मौजूदगी में गहलोत ने कहा कि प्रशांत किशोर एक ब्रांड बन गए हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के साथ थे, जिसके बाद वह नीतीश कुमार के साथ गए और फिर 2017 में पंजाब कांग्रेस के साथ थे। वे एक पेशेवर चुनावी रणनीतिकार हैं। उनके जैसे और भी कई लोग हैं – हम उनसे भी संपर्क करते हैं,लेकिन प्रशांत किशोर एक बड़ा नाम बन गए है, इसलिए मीडिया का भी पर फोकस बना रहता है।”

आगे उन्होंने कहा कि “हम एजेंसियों और विशेषज्ञों से लगातार सुझाव ले रहे हैं। अगर विपक्ष को एकजुट करने में प्रशांत और का अनुभव काम आता है। यह विपक्ष की मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई में काफी मददगार साबित होगा।”

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “यहां दिए गए सुझाव कांग्रेस पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत करेंगे और इसकी मदद से आने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव की तैयारी को बल मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गहलोत और बघेल को संगठन और प्रशासन चलाने का लंबा अनुभव है। इस कारण से समिति ने उनसे आग्रह किया था कि वह दिल्ली आकर इस विचार विमर्श में शामिल हो और अपना सुझाव दें”