पूर्व आईएएस अधिकारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मांदर ने मंगलवार को कहा है कि यदि नागरिकता संशोधन बिल संसद से पास हो जाता है तो वह खुद को आधिकारिक तौर पर मुस्लिम घोषित कर देंगे। इसके साथ ही हर्ष मांदर ने कहा कि जब नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के दौरान उन्हें अपने दस्तावेज जमा करने के लिए कहा जाएगा तो वह इससे भी इंकार कर देंगे।

हर्ष मांदर ने इसके साथ ही कहा कि ‘अंत में वह उसी सजा की मांग करेंगे, जो किसी भी बिना दस्तावेज वाले मुस्लिम को डिटेंशन सेंटर में दी जाएगी और अपनी नागरिकता छोड़कर सविनय अवज्ञा में शामिल हो जाऊंगा।’ हर्ष मांदर ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नागरिकता संशोधन बिल से गैर मुस्लिम समुदायों की रक्षा करने के बाद एनआरसी केवल मुस्लिमों के लिए लागू करेगी।

हर्ष मांदर ने सदा टाइम्स के साथ बातचीत में बताया कि “भाजपा की योजना है कि पहले वह CAB के जरिए गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों का बचाव करेगी और इसके बाद एनआरसी लागू करेगी। आप कह सकते हैं कि एनआरसी एक तरह से सिर्फ मुस्लिमों के लिए लागू होगा।”

मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि एक बारगी राजनीति और कानून को एक तरफ रख भी दें तो सिर्फ दया की कमी के चलते आप लाखों गरीब लोगों के साथ क्या करने जा रहे हैं। कोई सरकार कैसे किसी आपदा का निर्माण कर सकती है, जिसका कोई अंत दिखाई नहीं दे रहा है।

बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। इस बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। यह बिल बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। नागरिकता संशोधन बिल को बीते बुधवार कैबिनेट से भी मंजूरी मिल चुकी है। इस बिल में पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इस बिल में मुस्लिमों को बाहर रखा गया है।