India China Dispute: अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर एरिया के पास फिर एक बार चीनी सेना की गतिविधि देखी गई है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा के पास निर्माण कार्य कर रही है। ये निर्माण कार्य बड़ी-बड़ी मशीनें लाकर किया जा रहा है। राज्य के अंजॉ जिले के स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वीडियो सामने आया है जिसमें दावा किया जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास चीनी सेना की कंस्ट्रक्शन में काम आने वाली भारी मशीनों को काम करते हुए देखा गया है। अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के लोगों के मुताबिक, PLA के सैनिक भारतीय सीमा के नजदीक स्थित चागलगाम के हाडीगारा-डेल्टा 6 इलाके में निर्माण कार्य कर रहे हैं।
वीडियो में दिखा कंस्ट्रक्शन वर्क: कंस्ट्रक्शन गतिविधियों का ये वीडियो 11 अगस्त 2022 को रिकॉर्ड किया गया है। इस वीडियो में एक पहाड़ी इलाके में कुछ लोग मशीनों के जरिए पहाड़ तोड़ते नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने ये जानकारी दी। अरुणाचल प्रदेश में LAC के नजदीक रहने वाले लोगों ने चीन की इस कथित घुसपैठ पर गंभीर चिंता जताई है। भारत-चीन सीमा (LAC) के पास चागलाम भारत की आखिरी एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट है। चागलाम के बारे में सूत्रों ने बताया कि यहां एक आम आदमी को पहुंचने में करीब 4 दिन का वक्त लगता है।
इस बारे में जानकारी देते हुए एक स्थानीय निवासी ने कहा कि भारतीय सेना अब किसी को इंटरनेशनल सीमा के पास नहीं जाने देती। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि भारत की ओर खड़ा किया गया इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीमा सड़क संगठन यहां काफी धीमी गति से काम कर रहा है, जबकि चीन ने सीमा तक पहुंचने के लिए 4-लेन का रास्ता तैयार कर लिया है।
चीनी सेना ने LAC के पास बसाए गांव: लद्दाख सीमा विवाद के बीच चीन भारत के खिलाफ तमाम तरह के पैंतरे आजमा रहा है। चीनी सेना तिब्बत और नेपाल से हिंदी भाषा जानने वालों की भर्ती कर रही है। इससे पहले भी खबरें आई थीं कि चीन अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा के पास अपनी ताकत बढ़ा रहा है। मई 2022 में भारतीय सेना के इस्टर्न कमांड के ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिता ने जानकारी देते हुए कहा था कि चीनी सेना ने LAC के पास गांव बसाए हैं। उन्होंने कहा था कि चीन अपनी सीमा के पास सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है।
हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन का जहाज: वहीं, चीन का जहाज ‘यूआन वांग 5’ भी श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर छह दिन तक डॉक था। चीन का यह जासूसी जहाज करीब 750 किमी दूर तक आसानी से निगरानी कर सकता है। जबकि, हंबनटोटा बंदरगाह से तमिलनाडु के कन्याकुमारी की दूरी करीब 451 किलोमीटर है। जासूसी के खतरे को देखते हुए ही भारत ने श्रीलंका से इस जहाज को हंबनटोटा में प्रवेश न देने को कहा था।