चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले से एक 17 साल के लड़के को अगवा कर लिया है। यह जानकारी राज्‍य के सांसद तापिर गाव ने दी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एमपी तापिर गाव ने बताया कि चीनी सेना की गिरफ्त से भागे एक अन्‍य लड़के स्‍थानीय अधिकारियों को 17 वर्षीय लड़के को अगवा किए जाने के बारे में जानकारी दी है। सांसद ने गृहराज्‍य मंत्री एन प्रमाणिक को चीन की इस करतूत के बारे में जानकारी देने के साथ ही भारत सरकार की एजेंसियों से किडनैप किए गए लड़के की जल्‍द से जल्‍द रिहाई सुनिश्चित करने की मांग की है। एमपी तापिर गाव ने अगवा किए गए लड़के का नाम मिराम टैरोन बताया है। उन्‍होंने ट्वीट कर जानकारी दी है कि मिराम का अपकरण 18 जनवरी 2022 को किया गया।

एमपी तापिर गाव ने ट्वीट कर बताया कि चीन की आर्मी ने जिस लड़के को अगवा किया है, वह जिदो गांव का रहने वाला है। उसे भारतीय सीमा के भीतर से ही किडनैप किया गया है। तापिर गाव ने बताया कि यह अपहरण लुंगता जोर एरिया में किया गया। चीन ने 2018 में इस एरिया के 3-4 किलोमीटर तक सड़क बना ली थी। यह इलाका सियुंग्‍ला के अंडर आता है।

एमपी तापिर गाव ने अपने ट्वीट में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और इंडियन आर्मी को टैग किया है। सितंबर 2020 में चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश के ही 5 लड़कों को अगव कर लिया था। इन सभी करीब हफ्ते भर के बाद चीन रिहा कर दिया था।

चीन अरुणाचल प्रदेश पर लगातार अपना दावा जताता रहा है। अरुणाचल को लेकर ड्रैगन के नापाक इरादे किसी से छिपे नहीं हैं। अभी एक महीना भी नहीं हुआ, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम बदल दिए थे। ऐसा उसने इसलिए किया था, ताकि वह इन नामों का इस्‍तेमाल अपने आधिकारिक इस्‍तावेजों और नक्‍शों में कर सके। चीन ने अरुणाचल की 15 जगहों के नामों की लिस्‍ट अपने नए लैंड बॉर्डर कानून के तहत जारी थी। चीन ने यह कानून 2022 में ही लागू किया गया। चीन ने जिन 15 जगहों के नाम हैं, बदले हैं, उनमें आठ शहर, चार पहाड़, दो नदी और एक दर्रा भी शामिल है। चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान नाम से पुकारता है।

चीन अरुणाचल प्रदेश के 90,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना दावा जताता है। वह इसे दक्षिण तिब्‍बत के रूप में मानता है। चीन ने पहली बार 2017 में अरुणाचल प्रदेश की कुछ जगहों के नाम बदल थे। ड्रैगन ने उस वक्‍त अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों को नए नाम दिए थे। हालांकि, भारत ने दोनों ही मौकों पर चीन को उसकी हरकत का कड़ा जवाब दिया।