राम मंदिर के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने 2018 में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा किया गया अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा पूरा होगा, क्योंकि ‘सुप्रीम कोर्ट हमारा है।’ बता दें कि राम मंदिर जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों रोजाना सुनवाई होती है। कोर्ट में पांच जजों वाली संवैधानिक पीठ मामले पर पक्षों को सुनती है, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) कर रहे हैं।
उन्होंने सुनवाई के 22वें दिन वर्मा की ‘सुप्रीम कोर्ट हमारा है’ वाली टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की और उस पर उनकी कड़ी निंदा की। दरअसल, गुरुवार (12 सितंबर, 2019) को मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील और कार्यकर्ता राजीव धवन ने कोर्ट से कहा था कि कोर्ट में इस मसले पर चर्चा जारी रखने वाला माहौल नहीं है।
उन्होंने आगे कहा था, “मेरी कानून टीम के क्लर्क को फिर से अन्य क्लर्क्स द्वारा धमकियां दी गई हैं।” धवन ने यह शिकायत करते हुए मुकुट बिहारी वर्मा के बयान का हवाला भी दिया था। सीजेआई ने इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम ऐसी (वर्मा द्वारा) टिप्पणियों की निंदा करते हैं। ऐसी बातें बिल्कुल नहीं कही जानी चाहिए।”
क्या था योगी के मंत्री का बयान?: सितंबर 2018 में मंत्री ने कहा था- बीजेपी सत्ता में वापस विकास के मुद्दे पर आई है, पर राम मंदिर बनकर रहेगा। यह हमारा दृढ़ निश्चय है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट हमारा है। न्यायपालिका, प्रशासन, राष्ट्र और यहां तक कि राम मंदिर भी हमारा है।”

चहुंओर निंदा के बाद देनी पड़ी थी सफाईः हालांकि, अपने इसी बयान से जुड़ी वीडियो क्लिप वायरल होने और उस पर भारी आलोचना के बाद उन्होंने सफाई भी दी थी। कहा था, “मैं कहना चाहता था कि शीर्ष अदालत तो देश के लोगों की है। मैंने उसे बीजेपी या फिर खुद से नहीं जोड़ा था।”

