भारतीय पुलिस दल ने सोमवार को पहली बार अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से पूछताछ की और अधिकारियों का मानना है कि राजन को आज भारत ले जाया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया से बाली पहुंचने के बाद 25 अक्तूबर को गिरफ्तार किए गए राजन को जल्द ही अदालत में पेश किया जा सकता है जहां इंडोनेशियाई पुलिस उन मामलों का ब्यौरा सौंपेगी जिनमें वह वांछित है। भारतीय पुलिस दल जल्द से जल्द राजन की हिरासत में लेने के लिए अपने इंडोनेशियाई समकक्ष के साथ मिलकर काम कर रहा है।

अधिकारी ने कहा कि अगर राजन के साथ जुड़ा वकील उसे भारत भेजे जाने का विरोध नहीं करता है तो हम उस भारतीय पुलिस दल को उसे सौंप देंगे, जो जहां आया हुआ है। अगले दो-तीन दिनों में इस पूरी प्रक्रिया के पूरा होने की संभावना है। बहरहाल, अगर वकील राजन को भारत भेजे जाने का विरोध करता है तो यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है। राजन ने यहां फ्रांसिको प्रासर को अपना वकील रखा है। वकील ने राजन से मुलाकात भी की है। सीबीआई, मुंबई और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों वाला भारतीय दल यहां कल पहुंचा था तथा वे 55 वर्षीय राजन की कई अपराधों में संलिप्तता वाला विस्तृत डोजियर लेकर आए हैं। इस दल ने आज हिरासत केंद्र में पहली बार राजन से इंडोनेशिया पुलिस की मौजूदगी में पूछताछ की।

जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास में फर्स्ट सेक्रेटरी (काउंसलर) संजीव कुमार अग्रवाल भी उस वक्त मौजूद थे जब राजन से पूछताछ की गई। अग्रवाल ने कल राजन से करीब आधे घंटे तक मुलाकात की थी। हिरासत केंद्र से बाहर लाए जाते समय राजन ने कहा कि उसका दुश्मन और भारत का वांछित आतंकवादी दाउद इब्राहिम आईएसआई के संरक्षण में पाकिस्तान में छिपा हुआ है। उसने कहा कि दाऊद को आईएसआई छिपा रही है।

मुंबई पुलिस ने राजन के खिलाफ 75 मामले दर्ज किए हैं जिनमें हत्या के 20 मामले, आतंकवाद एवं विध्वंसक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत चार मामले, आतंकवाद विरोधी कानून के तहत एक और मकोका के तहत 20 से अधिक मामले शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने भी उसके खिलाफ छह मामले दर्ज किए हैं। छोटा राजन को इंटरपोल से जारी रेड क्रॉर्नर नोटिस के आधार पर राजन को गिरफ्तार किया गया है।

राजन ऑस्ट्रेलिया से बाली पहुंचा था। उसके पास मोहन कुमार नाम से पासपोर्ट था। उसका पासपोर्ट नंबर जी 9273860 है। उसका वास्तविक नाम राजेंद्र सदाशिव निखालजे है। भारत में 75 से अधिक मामलों में वांछित राजन से अंग्रेजी और एक अनुवादक के जरिए हिंदी में भी पूछताछ की गई है। मुंबई में पैदा हुआ राजन कभी दाउद इब्राहिम का खासमखास था। अब उसका कहना है कि वह दाउद से नहीं डरता है। साल 2000 में राजन पर बैंकॉक के एक होटल में दाउद के गुर्गों ने हमला किया था, लेकिन वह बड़े ही नाटकीय अंदाज में बच निकला था। प्रत्यर्पण संधि नहीं होने की स्थिति में भारतीय अधिकारियों ने राजन की भारतीय पहचान के बारे में अपने इंडोनेशियाई समकक्ष को दस्तावेज प्रदान किए हैं।