भारत में कोरोनावायरस महामारी के बढ़ने के साथ ही इससे पीड़ित मरीजों के लिए कई बुनियादी जरूरतों की कमी पैदा हो गई है। इनमें ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ा मुद्दा है। दरअसल, कोरोना के गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में कई राज्यों में अस्पतालों के पास ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। जहां केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत में ऑक्सीजन पूरी क्षमता से पैदा हो रही है और पिछले दो दिनों में इसका आउटपुट भी बढ़ा है, वहीं दूसरे बयान में यह भी माना कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत देश के 12 राज्य ऑक्सीजन की ज्यादा खपत वाले राज्य हैं, जहां इसकी कमी पैदा हो गई है।

अब केंद्र सरकार ने मदद के लिए आगे आते हुए 100 नए अस्पतालों में पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) की सहायता से ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का ऐलान किया है। केंद्र ने गुरुवार को ही राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन का तर्कसंगत उपयोग करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि इसकी बर्बादी न हो। साथ ही उसने कहा कि देश में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन राज्यों को ऑक्सीजन के स्रोत पैदा करने के मार्गदर्शन के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है।

सरकार के बयान के मुताबिक, अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन में मदद करने के लिए इनके परिसरों में 162 प्रेशर स्विंग अब्सॉर्प्शन (PSA) प्लांट्स लगाए जाएंगे। पीएम केयर्स फंड के तहत आवंटित इन प्लांट्स के जल्द तैयार होने की समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा सरकार दूर-दराज के इलाकों में 100 और अस्पतालों की पहचान कर रही है, जहां PSA प्लांट्स लगाए जाएंगे।

बता दें कि केंद्र ने जिन 12 राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत की बात मानी है, उनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। हालांकि, सरकार का साफ कहना है कि ऑक्सीजन निर्माण इकाइयों में उत्पादन बढ़ाया गया है। पहले से स्टॉक मौजूद है। फिलहाल ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। लेकिन राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इसकी बर्बादी न हो।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा जरूरत के हिसाब से राज्यों को ऑक्सीजन की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये नियंत्रण कक्ष बनाने और सिलेंडरों तथा टैंकरों की आवश्यकता की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया गया है।