जैसे जैसे पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक सरगर्मियाँ भी बढती जा रही है। इस चुनाव में ममता बनर्जी को पटखनी देने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही भाजपा ने अब महापुरुषों के नाम पर भी सियासी दांव खेलना शुरू कर दिया है। मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार नेताजी के जन्मदिवस 23 जनवरी के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी बंगाल का दौरा भी कर सकते हैं।
मोदी सरकार ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और सम्मान को याद रखने के लिए केंद्र सरकार ने देशवासियों और विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए 23 जनवरी को आने वाले उनके जन्म दिवस को हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को मनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है।
प्रधानमंत्री के संभावित बंगाल दौरे को लेकर 18 जनवरी को राज्य पुलिस और एसपीजी के बीच एक बैठक भी हुई थी। संभावना है कि पीएम मोदी अपने बंगाल दौरे पर बेल्वेडियर एस्टेट के राष्ट्रीय पुस्तकालय भी जा सकते हैं। बंगाल दौरे में प्रधानमंत्री के दो कार्यक्रम आयोजित हो सकते हैं लेकिन इनमें से कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होगा। हालाँकि इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्थानीय भाजपा नेता भी मौजूद रह सकते हैं। वहीँ नेता जी के जन्म दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा भी कर सकती हैं।
पराक्रम दिवस मनाये जाने को लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते और भाजपा नेता सीके बोस ने कहा है कि अगर 23 जनवरी को देश प्रेम दिवस मनाया जाता तो ठीक रहता। सी के बोस ने कहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत को आजादी दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई। काफी सालों से देश की जनता नेताजी का जन्मदिन देश प्रेम दिवस के रूप में मना रही है। सी के बोस ने कहा कि हम सरकार के द्वारा की गयी घोषणा से खुश हैं लेकिन अगर भारत सरकार 23 जनवरी की देश प्रेम दिवस के रूप में ही मनाती तो और भी ज़्यादा उपयुक्त होता।
