पश्चिम बंगाल के घोटालों पर केंद्र की तीखी नजर है। ममता बनर्जी के कुछ मंत्री इसकी वजह से जेल में भी पहुंच चुके हैं। फिलहाल तृणमूल सरकार के कानून मंत्री मलय घटक पर ईडी ने शिकंजा कसा है। उनको कहा गया है कि वो 28 जून को एजेंसी के दिल्ली स्थित दफ्तर में आकर पेशी लगाएं। कानून मंत्री को पहले भी ईडी ने कोयला घोटाले के मामले में समन भेजा था। लेकिन उस दौरान उन्होंने ईडी के सामने पेश होने से गुरेज किया था।
मलय घटक के साथ-साथ कोयला घोटाले के मामले में अनूप मांझी को भी दिल्ली तलब किया गया है। अनूप मांझी को भी 28 जून को ही तलब किया गया है। पिछले सोमवार को ईडी ने कोयला तस्करी मामले में मलय घटक को दिल्ली तलब किया था। लेकिन मलय घटक ने कह दिया कि वह हाजिर होने में असमर्थ है। वह पंचायत चुनाव के लिए प्रचार में व्यस्त है।
मलय घटक को 11 बार किया जा चुका है तलब पर वो पेश नहीं हुए
ईडी ने कानून मंत्री मलय घटक को 11 बार तलब किया है। लेकिन वह कभी हाजिर नहीं हुए। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर इस बार वह पेश नहीं हुए तो ईडी सख्त कार्रवाई कर सकती है। ईडी मलय घटक से दिल्ली में पूछताछ करना चाहती है। लेकिन कानून मंत्री ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि ईडी 15 दिनों के अंदर मलय घटक को तलब करे। उस आदेश के मुताबिक एजेंसी ने मलय घटक को 21 जून को तलब किया था। लेकिन वह हाजिर नहीं हुए थे। अब ईडी ने उन्हें फिर से तलब किया है।
गौरतलब है कि ममता के कई मंत्रियों पर केंद्र की एजेंसियां शिकंजा कस चुकी हैं। पार्थ चटर्जी तो अभी तक जेल में हैं। उनसे पहले भी ममता के कई मंत्री जेल की हवा खा चुके हैं। सीएम के भतीजे अभिषेक बनर्जी को शिक्षक भरती घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय एजेंसियां समन कर चुकी हैं। अभिषेक पर शिंकजा कसने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत बंधोपाध्याय को अभिषेक से जुड़े मामले की सुनवाई से अलग भी कर दिया था। अभिषेक की शिकायत थी कि बंधोपाध्याय उनके खिलाफ गलत मंशा से फैसला ले रहे हैं।