उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न राज्यों द्वारा कोरोना वायरस रोधी टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदाएं जारी करने के बीच सोमवार को केंद्र से पूछा कि उसकी टीका-खरीद की नीति क्या है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ कोरोना वायरस के मरीजों को आवश्यक दवाओं, टीकों तथा चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति से जुड़े मामले की स्वत: संज्ञान ले कर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट तथा न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव भी पीठ का हिस्सा हैं।
पीठ ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, ‘‘कोविड रोधी विदेशी टीकों की खरीद के लिए कई राज्य वैश्विक निविदाएं निकाल रहे हैं, क्या यह केंद्र सरकार की नीति है? ’’ इस दौरान केंद्र ने न्यायालय को बताया कि टीकों के लिहाज से पात्र संपूर्ण आबादी का 2021 के अंत तक टीकाकरण किया जाएगा। मेहता ने पीठ को सूचित किया कि फाइजर जैसी कंपनियों से केंद्र की बात चल रही है। अगर यह सफल रहती है तो साल के अंत तक टीकाकरण पूरा करने की समय-सीमा भी बदल जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि देश में वैक्सीन की एक समान कीमत होनी चाहिए। साथ ही प्रवासी मजदूरों के टीकाकरण के लिए सरकार के पास क्या योजना है? जवाब देते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि walk-in रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है।सरकार से सवाल करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्यों को 45 से ऊपर वाले आयुवर्ग के लिए 100 फीसदी वैक्सीन मिल रहे हैं, लेकिन 18-44 साल के लिए क्यों बस 50 फीसदी सप्लाई की जा रही है?
बताते चलें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया था कि देश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए जून के महीने में करीब 12 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। इससे पहले मई के महीने में टीके की 7.94 करोड़ खुराक उपलब्ध थीं। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की खुराकों का आवंटन वहां होने वाली खपत, उसकी जनसंख्या और टीके की बर्बादी के आधार पर किया जाता है।
वक्तव्य के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात की स्पष्ट तौर पर जानकारी दे दी गयी है कि जून 2021 में उन्हें टीके की कितनी खुराकों की आपूर्ति की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ” भारत सरकार की ओर से जून के महीने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों के अलावा 45 अथवा उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की 6.09 करोड़ खुराक निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।”