पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी को एक मामले में आरोपी बनाने के लिए कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी की एक स्पेशल कोर्ट ने राजस्थान के उदयपुर के लक्ष्मी विलास पैलेस होटल के विनिवेश से जुड़े साल 2002 के एक मामले में यह निर्देश दिया है। स्पेशल कोर्ट की तरफ से शौरी का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर लिया गया है।
कोर्ट का कहना है कि इस मामले में पूर्व नौकरशाह प्रदीप बैजल और हॉटेलियर ज्योत्सना सूरी के नाम केस दर्ज किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस होटल को बड़े घाटे में बेचा गया और कोर्ट चाहता है कि इस होटल की बिक्री फिर से शुरू की जानी चाहिए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिस समय होटल बेचा गया उस समय होटल की कीमत 252 करोड़ थी लेकिन इसे महज 7.5 करोड़ में ही बेच दिया गया।
बता दें कि सीबीआई ने 2002 के इस मामले में बीते साल क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी और दलील में कहा था कि इस केस में उसके पास ‘कोई सबूत नहीं’ है। लेकिन जोधपुर की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया और आगे जांच जारी रखने को कहा था। वहीं, इस आदेश पर अरुण शौरी ने कहा कि उन्होंने आदेश की कॉपी नहीं देखी है, कॉपी देखने के बाद ही वह फैसला लेंगे कि आगे क्या करना है।