केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की ओर से उपराज्यपाल कार्यालय को भेजी जांच रपट के सामने आने के बाद भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को तूल दे दिया। दिन भर प्रेस कांफ्रेंस का दौर चला और तय हुआ कि गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित ‘फीडबैक यूनिट’ (एफबीयू) ने कथित तौर पर राजनीतिक खुफिया जानकारी एकत्र की। सीबीआइ ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआइ ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से आगे जांच करने की इजाजत मांगी है।
इसके बाद प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने केजरीवाल सरकार को कठघरे में खड़ा किया। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि फीडबैक यूनिट ने जासूसी की, आम आदमी पार्टी छिपकर बातें सुन रही है। ‘आप’ के नेता दिल्ली के लिए काम नहीं कर रहे, बल्कि दिल्ली की जनता के पैसे से अवैध तरीके से जासूसी करते हैं। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तुरंत इस्तीफा दे दें क्योंकि उनके खिलाफ इतने ज्यादा मामले हो चुके हैं कि उन्हें अब अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है।
दिल्ली सरकार की फीडबैक यूनिट का भंडाफोड़ होने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि आम आदमी पार्टी सरकार सारे नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर काम कर रही है। प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल से मांग की कि वे अविलंब इस संदर्भ में सीबीआइ को प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दें। साथ ही उन्होंने कहा कि विज्ञापन घोटाले की ही तरह ‘फीडबैक यूनिट’ घोटाले पर बर्बाद हुए सरकारी फंड की रिकवरी अरविंद केजरीवाल से की जाए।
पार्टी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है। इसके विरोध में दिल्ली भाजपा गुरुवार को सुबह 11 बजे केजरीवाल सरकार के विरुद्ध एक विशाल विरोध मार्च करेगी। प्रदर्शनकारी आइटीओ के पास शहीदी पार्क में एकत्र होंगे और दिल्ली सचिवालय का घेराव करेंगे। दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी इस विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे।
केजरीवाल सरकार ने 2015 में बनाई फीडबैक यूनिट 2015 विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने एक फीडबैक यूनिट बनाई। इसका काम विभागों, संस्थानों, स्वतंत्र संस्थानों की निगरानी करना था और यहां के कामकाज पर प्रभावी फीडबैक देना था, ताकि इस आधार पर जरूरी सुधारों का एक्शन लिया जा सके।