सीबीआई ने कुख्यात हथियार दलाल और चार्टर्ड आॅडिटर संजय भंडारी के खिलाफ मामला बंद करने का आदेश दिया है। ये आदेश सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव ने दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई ने कहा है कि भंडारी के खिलाफ केस बंद का करने का फैसला पूर्व निदेशक के द्वारा 13 मार्च 2018 को ही ले लिया गया था।
एएनआई के मुताबिक, सीबीआई ने कहा,”जांच के बाद और अपर्याप्त सबूतों के कारण पूर्व निदेशक ने ही 13 मार्च 2018 को ये मामला बंद करने का फैसला किया था। हालांकि इस मामले की फाइल दोबारा जांच के लिए अंतरिम निदेशक के पास भेजी गई थी। इस मामले में जांच की सिफारिश के लिए नीतिगत निर्णय लेने की आवश्यकता पड़ेगी जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी की गई गाइडलाइन्स के विरुद्ध है इसलिए केस को दोबारा खोलने की मांग नहीं की गई।”
CBI Interim director orders closure of case against Chartered Auditor Sanjay Bhandari.CBI says,”after investigation&for want of evidence,decision was taken by earlier director on 13.3.18 for closure of case.Subsequently,file was moved for re-investigation before interim director”
— ANI (@ANI) November 26, 2018
बता दें कि साल 2016 में आयकर विभाग ने भंडारी के घर पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान भंडारी के घर में भारतीय सेना से जुड़े हुए कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे। लेकिन सरकार के शिकंजा कसने से पहले ही भंडारी नेपाल के रास्ते देश से बाहर भाग गया था। अब माना जा रहा है भंडारी लंदन में है और भारतीय एजेंसियां उसे वापस लाने में जुटी हुईं हैं।
कौन है संजय भंडारी: संजय भंडारी हथियारों का विवादित दलाल है। उसका नाम राफेल डील और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा राबर्ट वाड्रा से भी जोड़ा गया है। बीजेपी का आरोप है कि वाड्रा के भंडारी से करीबी रिश्ते हैं। आरोप ये भी हैं कि यूपीए सरकार के दौरान वाड्रा के दबाव में ही राफेल से डील नहीं हो पाई थी।
कांग्रेस रोकना चाहती थी रफाल डील!: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सितंबर 2018 में एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस रफाल सौदे को रद करवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। क्योंकि रफाल की निर्माता कंपनी दसॉल्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के साथ काम करने से इंकार कर दिया था।
वाड्रा की कंपनी चाहती थी रफाल का ठेका!: शेखावत ने आरोप लगाया था कि वाड्रा के दबाव में गांधी परिवार ने साल 2008 में दसॉल्ट के सामने शर्त रखी थी कि वह ऑफसेट इंडिया सोल्युशन के साथ काम करे। ये कंपनी कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा की है। शेखावत ने आरोप लगाया कि भंडारी के वाड्रा के साथ करीबी रिश्ते हैं और उसे कई बार डिफेंस एक्सपो में वाड्रा के साथ देखा गया था। आरोप है कि भंडारी ने वाड्रा के लिए कई बार एयर टिकट बुक करवाया है और उनके लंदन स्थित मकान के लिए इंटीरियर डेकोरेशन पर पैसे खर्च किए हैं।

रॉबर्ट वाड्रा से हैं करीबी रिश्ते!: इंडिया टुडे ने साल 2016 में भंडारी पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में साल 2011 में आई आईबी की रिपोर्ट का हवाला दिया था। इस रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि संजय भंडारी, वाड्रा सहित कई कांग्रेस नेताओं के संपर्क में है। रिपोर्ट के मुताबिक, संजय भंडारी का नाम भारतीय वायु सेना के लिए बेसिक जेट ट्रेनर्स (बीटीए) की खरीद के लिए हुई एक डील में सामने आया था। भंडारी ने बड़े रक्षा सौदों का लाभ उठाने के लिए ‘ऑफसेट इंडिया सॉल्युशंस’ (ओआईएस) की स्थापना की थी। लेकिन आईबी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि ओआईएस भंडारी की मुखौटा कंपनी थी, जिसे ‘कोई और’ संचालित कर रहा था।
वाड्रा के नंबर से बात करता था भंडारी: बताया जाता है कि संजय भंडारी किसी जमाने में लग्जरी कारों के आयात का कारोबार किया करता था। लेकिन बाद में वह अचानक रक्षा सौदों का बड़ा बिचौलिया बनकर सामने आया। भंडारी अब विदेशी कंपनियों के लिए सौदेबाजी करने लगा। आईबी ने जब भंडारी के फोन नंबर की छह महीने की कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उसने रॉबर्ट वाड्रा समेत कई बड़ी हस्तियों के लगातार संपर्क में है। संजय भंडारी ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ब्लू ब्रिज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के रजिस्टर्ड नंबर पर कई बार कॉल की। आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक भंडारी से पहले ये नंबर रॉबर्ट वाड्रा इस्तेमाल करता था।
कांग्रेस के बड़े नेताओं से थे रिश्ते: आईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि संजय भंडारी के रिश्ते तत्कालीन कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल समेत कई बड़े कांग्रेसी नेताओं से हैं। इसके अलावा भंडारी ने रायबरेली स्थित इंदिरा गांधी सिविल एविएशन एकेडमी के डायरेक्टर से भी कई बार बात की थी।