Delhi Excise policy case: दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। सीबीआई आज बीआरएस नेता के कविता की रिमांड मांगने के लिए कोर्ट पहुंची। इस दौरान सीबीआई ने सीएम अरविंद केजरीवाल का भी नाम लिया और कहा कि उनके खिलाफ उसके पास पर्याप्त सबूत हैं।

बता दें कि आज दिल्ली के कथित शराब घोटाले में सीबीआई की तरफ से गिरफ्तार की गईं के. कविता की पांच दिन की रिमांड मांगी गई। उन्हें दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जब सुनवाई चल रही थी तो सीबीआई के वकील ने आम आदमी पार्टी के मुखिया और सीएम अरविंद केजरीवाल का भी नाम लिया।

वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि साउथ ग्रुप के एक अधिकारी ने सीएम केजरीवाल से मीटिंग की थी और राजधानी में अपने कारोबार के लिए मदद मांगी थी। दिल्ली सीएम ने उन्हें मदद का आश्वासन भी दिया। सीबीआई के वकील ने कहा कि हम यह बिना किसी आधार के नहीं बोल रहे हैं बल्कि हमारे पास इसके सबूत भी मौजूद हैं। संबंधित आरोपियों के बयान और चैट हमारे पास है।

मनीष सिसोदिया के नाम का भी आया जिक्र

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई के वकील ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के भी नाम का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले दिनेश अरोड़ा इस केस में आरोपी रहा है। हालांकि, अब वह सरकारी गवाह बन चुका है। दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान कहा कि अभिषेक बोइनपल्ली ने बताया था कि विजय नायर को 100 करोड़ रुपये दिए गए थे। CBI ने कहा कि बुचीबाबू से मिली व्हाट्सएप चैट से पता चला है कि वो इंडोस्पिरिट्स में कविता के साथ हिस्सेदार है। उन्होंने कहा कि के कविता ने दिल्ली में शराब नीति मामले में बातचीत करने के लिए शरतचंद्र रेड्डी को आगे किया था। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के दबाव की वजह से ब्लैक लिस्ट किए जाने के बावजूद इंडोस्पिरिट्स को लाइसेंस दिए गए।

आतिशी ने दिल्ली की सरकार गिराने की साजिश का लगाया आरोप

दिल्ली की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा एक बड़ी राजनीतिक साजिश रची जा रही है। मंत्री ने कहा कि बीजेपी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है। राष्ट्रपति शासन लागू होते ही केंद्र सरकार राज्य का प्रशासन अपने हाथ में ले लेगी। आतिशी ने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना गैरकानूनी और लोगों के जनादेश के खिलाफ होगा क्योंकि आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया है। इससे संबंधित विस्तृत खबर यहां क्लिक कर पढ़े…