दिल्ली पुलिस ने एक युवती की स्कूटी को कार से टक्कर मारने के बाद करीब 12 किलोमीटर तक उसे घसीटने से जुड़े मामले में चार आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले के सात में से छह आरोपियों के खिलाफ पहले गैर-इरादतन हत्या के आरोप लगाए गए थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के समय अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल कार के अंदर थे और उनके खिलाफ हत्या के आरोप लगाए गए हैं।

हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद आरोपियों को मृत्युदंड या उम्रकैद और जुर्माने की सजा दी जा सकती है। इससे पहले, पुलिस ने कहा था कि मामले के सात आरोपियों में से छह के खिलाफ हत्या के आरोप लगाए गए हैं। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि सुल्तानपुरी की घटना में भौतिक, मौखिक, फारेंसिक और अन्य वैज्ञानिक सबूतों को जुटाने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा-304 की जगह धारा-302 (हत्या) शामिल कर दी है।

मामले में आगे की जांच जारी है। यह कदम दिल्ली पुलिस द्वारा एक सत्र अदालत को यह बताए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है कि वह मामले में आइपीसी की धारा-302 शामिल करेगी। पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र के सिंह ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने पीड़िता के परिवार को जल्द मुआवजा दिलवाने के लिए मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) का रुख किया है।

दिल्ली की अदालत ने आशुतोष भारद्वाज को जमानत दी

दिल्ली की एक अदालत ने एक युवती की स्कूटी को कार से टक्कर मारने के बाद करीब 12 किलोमीटर तक उसे घसीटने से जुड़े मामले में आरोपी आशुतोष भारद्वाज को मंगलवार को जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने सोमवार को भारद्वाज की जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश ने मंगलवार को कहा कि आरोपी को 50,000 रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है। आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जाएगा, जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होगा और अपना मोबाइल फोन चालू रखेगा।