कविता जोशी
देश में सबसे ज्यादा जमीनी भूभाग पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाली भारतीय सेना ने तय किया है आगामी तीन वर्षों में यानी वर्ष 2027 तक उसके तमाम सैन्य स्टेशन और छावनियां पूरी तरह से अपशिष्ट मुक्त हो जाएंगे। इसके लिए एक व्यापक अपशिष्ट मुक्त सैन्य अभियान शुरू किया गया है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इसके तहत सेना एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करेगी, जिसकी मदद से अगले तीन वर्षाें के दौरान सैन्य स्टेशनों और छावनियों को अपशिष्ट मुक्त किया जाएगा। इस कवायद के दौरान अब सैन्य स्टेशनों के भीतर ही ठोस अपशिष्ट का उचित निपटान किया जाएगा। पूर्व में संबंधित सैन्य इलाकों में ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन उससे जुड़ी हुई नगरपालिकाओं द्वारा किया जाता था।
सूत्रों ने बताया कि सेना के पास देशभर में अलग-अलग जगहों पर कुल करीब तेरह लाख एकड़ जमीन है। इसके अतिरिक्त सैन्य स्टेशनों की कुल संख्या 308 हैं। जबकि देश में कुल 61 सैन्य छावनियां हैं। यहां पर प्रतिदिन निकलने वाले ठोस अपशिष्ट का उचित प्रबंधन या निपटान करना बहुत बड़ी चुनौती है। इसे ध्यान में रखते हुए ही सेना ने इस अभियान की शुरुआत की है।
केंद्र सरकार ने ठोस अपशिष्ट और कचरा पट्टी मुक्त प्रतिष्ठान और स्टेशन नामक एक नीति भी बनाई हुई है। सेना के अभियान में इससे भी काफी मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस पारिस्थितिकी तंत्र की मदद से सेना, केंद्र के धरती को हरा भरा बनाए रखने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्ण मुहिम में भी अपना अहम योगदान देगी।
गौरतलब है कि आंकड़ों के हिसाब से देश में कुल 61 छावनियां हैं। इन्हें छावनी अधिनियम 1924 (इसका स्थान छावनी अधिनियम 2006 ने ले लिया है।) के तहत अधिसूचित किया गया है। सैन्य छावनियां पांच सैन्य कमान के तहत वर्गीकृत की गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा 25 छावनियां मध्य कमान में हैं। इसके बाद दक्षिणी कमान में 19, पश्चिमी कमान में 12, पूर्वी कमान में दो और उत्तरी कमान में सबसे कम एक सैन्य छावनी मौजूद है।
मध्य कमान की प्रमुख छावनियों में आगरा, कानपुर, इलाहबाद, अलमोड़ा, नैनीताल, दानापुर, फैजाबाद, फतेहगढ़, बरेली, मेरठ, महू, दानापुर, चकराता, जबलपुर, पंचमढ़ी, मथुरा मुख्य हैं। दक्षिणी कमान की प्रमुख छावनियों में अजमेर, अहमदनगर, अहमदाबाद, देवलाली, झांसी, बेलगाम, सागर, वेलिंगटन, बबीना, पुणे, नसीराबाद, सिकंदराबाद शामिल हैं।
इसके अलावा पश्चिमी कमान में अमृतसर, अंबाला, कसौली, जम्मू, डलहौजी, दिल्ली, फिरोजपुर और जतोग जैसी छावनियां शामिल हैं। पूर्वी कमान में जलापहाड़, बैरकपुर, लेबांग और शिलांग छावनी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त उत्तरी कमान के तहत आने वाली एक मात्र सैन्य छावनी बादामीबाग है। वहीं, तीन सौ से अधिक सैन्य स्टेशनों पर नजर डालें तो इनमें पठानकोट, नगरोटा, जम्मू, उधमपुर मुख्य हैं।