देशभर के विभिन्न शहरों में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बीच आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर ले लिया। बीते शुक्रवार को एक ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि एनआरसी और एनपीआर पर बिहार के मुख्यमंत्री का सफेद झूठ पकड़ा गया। दरअसल पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लाए जाने पर जब इसका विरोध हुआ तो नीतीश सरकार ने इशारों में एनडीए नीत मोदी सरकार को संकेत दिया कि एनआरसी पर बिहार के सीएम केंद्र का साथ नहीं देंगे।

ट्वीट में आरजेडी प्रमुख लालू यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार में शुरू हो चुका है NRC-NPR का काम। अधिकारी की चिट्ठी ने खोला राज। अभी NPR का कार्य किसी भी प्रदेश में शुरू नहीं हुआ है लेकिन बिहार में NRC की प्रक्रिया नीतीश जी ने शुरू कर दी। अब आपको तय करना है असली संघी कौन है?’ तेजस्वी ने इसके साथ ही एक पत्र साझा किया जिसमें मोकामा (पटना) प्रखण्ड के बीडीओ ने अपने प्रखंड में आने वाले तीन स्कूलों के प्राचार्यों के नाम से पत्र लिखा। पत्र में एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे गए थे। पत्र 28 जनवरी को जारी हुआ पत्र मरांची, मोर और रामपुर डुमरा स्कूल के प्राचार्यों को भेजा गया।

हालांकि बता दें कि मामले में विवाद बढ़ता देख सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है। इसके मुताबिक मोकामा प्रखंड के बीडीओ ने जो पत्र जारी किया, उसमें एनपीआर लिखना था, मगर गलती से एनआरसी लिख दिया गया। गलती करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की गई हैं। मोकामा बीडीओ सतीश कुमार का ट्रांसफर कर उन्हें ग्रामीण विकास विभाग पटना में तैनात किया गया है। उनकी जगह पूजा कुमारी को मोकामा प्रखंड का पदभार दिया गया है।

जानना चाहिए कि पत्र में एनपीआर की जगह एनआरसी लिखे जाने पर रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, जाप के सरंक्षक पप्पू यादव ने भी सोशल मीडिया में एक वीडियो अपलोड कर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा।