नए नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंसा के दौरान एक शख्स की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं। हिंसा में लखनऊ में 16 और संभल में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने 55 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। वहीं, कर्नाटक के मेंगलुरू में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की की मौत हो गई।

लखनऊ हिंसा पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है, ‘‘जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, इन्हीं उपद्रवियों से इसकी वसूली करेंगे। इनकी संपत्ति को नीलाम करके वसूली करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उपद्रवियों से सख्ती से निपटेंगे। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संभल और लखनऊ में हिंसा हुई। एक दर्जन वाहनों में आग लगायी गयी।’’

उनके मुताबिक, ‘‘प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विपक्ष भ्रम के हालात पैदा कर रहा है। नागरिकता कानून किसी के खिलाफ नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक रोटी सेंकने वाले कांग्रेस, सपा और वामपंथी संगठनों ने आज महाबंदी के नाम पर पूरे देश को आगजनी की चपेट में झोंकने का प्रयास किया है। यह अस्वीकार्य है और उत्तर प्रदेश में इस तरह के तत्वों के साथ हम सख्ती से निपटेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जो भी जिम्मेदार होगा उसकी जवाबदेही भी तय करेंगे। हिंसा में लिप्त प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति को जब्त करेंगे और उस जब्त संपत्ति से सार्वजनिक संपत्तियों को जो नुकसान पहुंचाया गया है उसकी भरपाई भी हम उपद्रवियों से करेंगे।’’

उन्होंने कहा, “सब चिन्हित चेहरे हैं। सब वीडियोग्राफी में आ चुके हैं। सीसीटीवी की फुटेज में आ चुके हैं। सबकी संपत्ति को जब्त करके इनसे हम इसका बदला लेंगे। मैंने इस बारे में सख्ती से निपटने के लिए कहा है। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है। आठ नवंबर से निरंतर चल रही है। बिना अनुमति के कोई भी प्रदर्शन नहीं हो सकता और प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करे, यह स्वीकार्य नहीं है। इस प्रकार की असामाजिक और अराजक गतिविधियों को कतई किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

बता दें कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी, जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया था। असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह के अनुसार, 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावड़े की अनुमति नहीं दी गई थी।

उधर, मंगलुरू मामले में पुलिस सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों ने मेंगलुरू उत्तर पुलिस थाने पर कब्जा करने और पुलिसर्किमयों पर हमला करने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की गई।

पुलिस ने पुष्टि की कि दो लोग पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। मृतकों की पहचान जलील कुदरोली (49) और नौशीन (23) के तौर पर की गई है।