CAA-NPR-NRC Protest Latest News: जेएनयू में बीते पांच जनवरी को हुई हिंसा को लेकर प्रदर्शन कर रहे जेएनयू छात्रों को दिल्ली पुलिस ने जनपथ पर रोक दिया। छात्रों का मार्च राष्ट्रपति भवन की ओर जा रहा था। इस मसले पर जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष का कहना है कि जबतक यूनिवर्सिटी के चांसलर को हटाया नहीं जाता तब तक कोई बात नहीं होगी।
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जेएनयू हिंसा के पीछे गृहमंत्री और शिक्षा मंत्री हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने जेएनयू के कुलपति को भी हटाने की मांग की। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए।उन्होंने कहा कि PM 2.0 आज PM 2.5 से अधिक खतरनाक है। कांग्रेस ने नकापोश हमलावरों को जल्द गिरफ्तार किए जाने की मांग की।
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब तक विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) एम जगदीश कुमार को हटाया नहीं जाता तब तक छात्र और संकाय नरम नहीं पड़ेंगे।मानव संसाधन विकास (एचआरडी) अधिकारियों से मुलाकात के बाद उन्होंने यह टिप्पणी की।घोष ने कहा कि उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कुलपति को हटाने का अनुरोध किया है जिस पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में शुक्रवार को बातचीत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘वीसी को हटाने के मुद्दे पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कोई समझौता नहीं होगा। वह अब भी यही सोच रहा है कि वीसी को हटाया जाना चाहिए या नहीं।’’
दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने यहां दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार 15 लोगों को जमानत दे दी।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उन 15 प्रदर्शनकारियों को राहत दे दी जिन्हें नागरिकता कानून में हालिया बदलाव के खिलाफ दरियागंज में 20 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था। इलाके से प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रही पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पथराव किया था जिसके कारण हिंसा भड़क उठी थी।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय में ‘गलतफहमी और डर’ को दूर करने के लिए शुक्रवार से उत्तर प्रदेश एवं देश के कई अन्य हिस्सों में संगोष्ठियों का आयोजन करने जा रहा है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ‘‘तानाशाही’’ नीतियों का इस्तेमाल कर रही है और इसका जवाब महात्मा गांधी द्वारा बताए गए अहिंसक तरीकों से देने की जरूरत है।पवार ने शहर में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की ‘गांधी शांति यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने के बाद यह बात कही। इस मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण तथा राज्य के मंत्री नवाब मलिक भी मौजूद थे।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि PM 2.0 आज PM 2.5 से अधिक खतरनाक है। कांग्रेस ने नकापोश हमलावरों को जल्द गिरफ्तार किए जाने की मांग की। कांग्रेस का कहना है कि जेएनयू के कुलपति को त्यगपत्र देना चाहिए।
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रमेश ने कहा कि जेएनयू हिंसा के लिए गृह मंत्री और शिक्षा मंत्री जिम्मेदार हैं। सरकार दोषिया पर कार्रवाई नहीं होने दे रही है।
जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजवरीवाल ने बयान दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऊपर से हिंसा ना रोकने का आदेश दिया गया है।
जेएनयू छात्रों और शिक्षकों के मार्च के मद्देनजर बृहस्पतिवार मंडी हाउस पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। जेएनयू परिसर में पांच जनवरी के नकाबपोश हमले की घटना के मद्देनजर विश्वविद्यालय के कुलपति के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक मार्च निकाल रहे हैं, जिसे लेकर कुछ छात्रों ने वहां एकत्रित होना शुरू कर दिया है। पांच जनवरी के हमले में करीब 35 लोग घायल हुए थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी दिल्ली में 13 जनवरी को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक का बहिष्कार करेंगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा है- Congress और वाम दल 'बंगाल में गंदी राजनीति का खेल' खेल रहे हैं। और वह अकेले ही CAA और NRC के खिलाफ लड़ेंगी।
JNU छात्र और विवि का शिक्षक संघ गुरुवार सुबह विभिन्न मांगों को दिल्ली की सड़कों पर एकजुट हुए। ये सभी कैंपस में पांच जनवरी को हुई हिंसा के खिलाफ विरोध जताने, वीसी को तत्काल हटाने और फीस कम करने को लेकर मंडी हाऊस पहुंचे। वहां से इन सभी का मार्च जंतर मंतर तक जाना है।
हालांकि, इस दौरान पुलिस ने इन सभी को कहा है कि वे बस के जरिए वहां तक जाएं। छात्रों और टीचर्स के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर कैंपस के आसपास भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने भी विपक्ष की इस गांधी शांति यात्रा को समर्थन दिया है। उन्होंने गुरुवार सुबह इस यात्रा की शुरुआत से पहले मीडिया से कहा- हम किसी भी हालत में दोबारा गांधी की हत्या नहीं होने देंगे। और, न ही देश का बंटवारा।