Lok Sabha Elections 2024: देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि लोकसभा चुनाव से ठीक से पहले 2019 में पारित हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हो जाएगाा और आज सीएए का नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही उनका दावा सही साबित हुआ है। मोदी सरकार ने आज सीएए को लागू कर दिया है। इसको लेकर देश में 2020 में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके चलते दिल्ली और पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को अलर्ट पर रखा गया है।
सीएए का मूल रूप कहता है कि भारत के पड़ोसी मुल्कों से आने वाले उनके अल्पसंख्यक समुदाय को आसानी से नागरिकता मिल जाएगी। इसमें हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी।
अब सीएए लागू होने के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या देश में सीएए लागू होने के बाद किसी को नुकसान होगा और कौन वे लोग हैं जो कि इस सीएए कानून चलते बड़ा फायदा उठाने वाले हैं। इसके हर एक सवाल का जवाब हमारे पास है।
CAA से किसे मिलेगी नागरिकता?
CAA के इस कानून के तहत पड़ोसी मुल्क से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों लोगों को नागरिकता मिल जाएगी।
कौन से धर्म के लोगों को मिलेगी नागरिकता
CAA के तहत भारत आए हिंदूं, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध पारसी यहूदी शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगा।
किन देशों के शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
ऐसा नहीं है कि सीएए के तहत दुनिया के किसी भी देश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थी को नागरिकता मिल जाएगा, बल्कि इस कानून के तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान तीन देशों के शरणार्थियों को भारत क नागरिकता मिलेगी।
CAA की क्या है डेडलाइन
CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
CAA से छिनेगी किसकी नागरिकता?
एक भ्रम भी फैला हुआ है कि सीएए आने से किसी की नागरिकता चली जाएगी। इसकी सच्चाई ये है कि सीएए गैरमुस्लिम पड़ोसी मुल्क के शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला कानून है। सीएए के लागू होने के बाद किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं खत्म हुई है और न ही होगी।
बता दें कि सीएए को लेकर यह भी दावा किया गया था कि सीएए के बाद एनआरसी आएगा जिसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों की नागरिकता छीन ली जाएगी जो कि पूरी तरह से बेबुनियाद तर्क है। मोदी सरकार का संसद के पटल पर कहना है कि अभी ऐसा कुछ भी प्लान नहीं है।