आतंकवाद से निपटने के लिए देशों के बीच साझेदारी की जरूरत पर जोर देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी, कानून का शासन भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के आधार स्तंभ हैं।

उन्होंने कहा कि यह रिश्ता आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए लोकतंत्रों के बीच साझेदारी की जरूरतों से आकार ले रहा है।

भारत-अमेरिका रणनीतिक-वाणिज्यिक वार्ता में सुषमा ने कहा, बुनियादी स्तर पर दोनों देशों में हमारा लोकप्रिय और दोदलीय समर्थन और लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी, कानून का शासन हमारी रणनीतिक साझेदारी के मुख्य आधारों को अभिव्यक्त करते हैं।

उन्होंने कहा, भारत-अमेरिका के राजनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों के उभरते संदर्भ अंतरराष्ट्रीय भूराजनीति द्वारा आकार ले रहे हैं और यह सिलसिला जारी है। यह रिश्ता आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए लोकतंत्रों के बीच साझेदारी की जरूरतों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की शक्ति से आकार ले रहा है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए दोनों देश तय करेंगे समय सीमा

सुषमा ने द्विपक्षीय संबंधों में वरीयता वाले क्षेत्रों को रेखांकित करते हुए कहा, भारत और अमेरिका बढ़े हुए सहयोग की राह पर हैं। यह भारत-अमेरिका संबंधों के लिए बहुत व्यस्त समय है। यह जरूरी है कि हम अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समय सीमा तय करें। सुषमा ने कहा, हमारे द्विपक्षीय संबंधों में पिछले साल से प्रभावशाली प्रगाढ़ता, दायरा और उपलब्धियों का स्तर नेतृत्व के लिए एक प्रमाण है।

वार्ता के दौरान कैरी ने कहा, भारत और अमेरिका साथ मिलकर कहीं अधिक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार से संतुष्ट नहीं है और यह कुछ सालों में पांच गुणा बढ़ सकता है।

इससे पहले सुषमा और उनके अमेरिकी समकक्ष जॉन कैरी ने सोमवार को प्रथम रणनीतिक-वाणिज्यिक वार्ता का उद्घाटन किया। भारत और अमेरिका के बीच यह उच्च स्तरीय वार्ता ऐसे समय हो रही है जब जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बैठक होनी है। इस वार्ता का मकसद द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाना है। वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल का नेतत्व करने के लिए सुषमा सोमवार को यहां पहुंची थीं। शिष्टमंडल में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हैं।

सस्ती बिजली देने की कोशिश तेज होगी
भारत और अमेरिका भारत में 20 करोड़ लोगों को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाएंगे। केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, मुझे इस बात की खुशी है कि दोनों देश ऊर्जा संबंधी मुद्दों पर साझेदारी कर रहे हैं। आगे बढ़ते हुए हम नवीकरणीय ऊर्जा के लिए नवोन्मेषी वित्तीय समाधान तलाश रहे हैं। वह सोमवार को यहां भारत-अमेरिका रणनीतिक-वाणिज्यिक वार्ता के उद्घाटन से इतर भारत-अमेरिका ऊर्जा वार्ता के संपन्न होने के बाद बोल रहे थे।

गोयल ने कहा, हमने भारत में ऐसे 20 करोड़ लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के अपने प्रयासों को गति देने का फैसला किया है जिनके पास अभी तक बिजली नहीं है। भारत का लक्ष्य सस्ते ढांचे का सृजन कर वर्ष 2019 तक 24 घंटे बिजली मुहैया कराना है।

गोयल ने कहा, सरकार की वर्ष 2022 तक 175 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता अर्जित करने की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें 100 गीगा वाट सौर और 60 गीगा वाट पवन ऊर्जा शामिल है।