Who is BS Yediyurappa: कर्नाटक बीजेपी चीफ बी.एस.येदियुरप्पा शुक्रवार (26 जुलाई, 2019) को चौथी बार सूबे के सीएम बने। राज्यपाल वजूभाई वाला ने राजभवन में हुए समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हालांकि, 76 वर्षीय येदियुरप्पा ने उस दौरान अकेले ही शपथ ली। कार्यक्रम से पहले वह बोले कि अमित शाह से सलाह-मशविरे के बाद ही वह कैबिनेट सदस्यों का फैसला करेंगे। बता दें कि येदियुरप्पा पिछली बार मई 2018 विस चुनाव के बाद सीएम बने थे, पर तब वह पद पर महज तीन दिन ही टिक सके थे।

येदियुरप्पा के इस बार के सत्ता संघर्ष का एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि इसे उनके अंतिम मौके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि भाजपा ने 75 वर्ष से अधिक के अपने नेताओं के लिए चुनावी राजनीति से सेवानिवृत्ति की नीति बना रखी है। दक्षिण भारत में बीजेपी का सबसे बूढ़ा ‘घोड़ा’ माने जाने वाले येदियुरप्पा का जन्म 27 फरवरी, 1943 को हुआ था।

करीबी और साथ काम कर चुके लोग बताते हैं कि येदियुरप्पा जब नगर निगम सदस्य थे, तभी से जन संघ और फिर बीजेपी के लिए सक्रिय तौर पर काम करते थे। हालांकि, राजनीति में आने से पहले वह खेती-किसानी में थे। उन्होंने इसके अलावा सरकारी लिपिक की नौकरी भी की थी, जबकि इसके बाद हार्डवेयर की दुकान भी चलाई थी। आरएसएस के प्रखर स्वयं सेवक येदियुरप्पा महज 15 वर्ष की उम्र में हिंदू संगठन से जुड़े थे और शिवमोगा जिले के अपने गृहनगर शिकारीपुरा में जनसंघ के साथ जुड़कर उन्होंने राजनीति सीखी थी।

1975 में उन्हें शिकारीपुरा नगर निगम से पार्षद चुना गया। उसी साल आपात्काल के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा। येदियुरप्पा जेल में लगभग दो साल रहे, जहां वह लाल कृष्ण आडवाणी सरीखे राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में आए, जो कि उन दिनों कर्नाटक की जेल में बंद थे। कला क्षेत्र में ग्रैजुएट येदियुरप्पा के दो बेटे और तीन बेटियां हैं।

हालांकि, उनकी कमियां उजागर करने वाले बताते हैं कि येदियुरप्पा ने स्वभाव के चलते न सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र में बल्कि नौकशाहों के बीच कई से अपने रिश्ते खराब किए। इन ब्यूरोक्रैट्स में अधिकतर की शिकायत येदियुरप्पा के साथ काम करने को लेकर रहती है। वे कहते हैं कि उनके साथ काम करना बेहद कठिन है। दरअसल, समय पर काम न पूरा होने पर वह बहुत जल्दी आपा खो बैठते हैं।