पूर्व WFI चीफ और बीजेपी के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण ने दिल्ली पुलिस की FIR और उसके आधार पर ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को चैलेंज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। दिल्ली पुलिस ने यह FIR महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर दर्ज की थी। बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ जारी कार्यवाही का विरोध किया है।

अपनी याचिका के जरिए बृजभूषण शरण सिंह ने FIR, चार्जशीट और मामले में आरोप तय करने से संबंधित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। उनकी याचिका में कई महिला पहलवानों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के संबंध में उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही को चुनौती देने की मांग की गई है।

याचिका में बृजभूषण शरण सिंह ने क्या कहा?

बृजभूषण शरण सिंह की याचिका पर गुरुवार को जस्टिस नीना बंसल कृष्णा के समक्ष सुनवाई के लिए लिस्ट की गई है। BJP के पूर्व सांसद सिंह ने दलील दी है कि जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई क्योंकि केवल पीड़ितों के बयान पर विचार किया गया था। याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए, जिसपर ट्रायल कोर्ट ने विचार नहीं किया।

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WFI के पूर्व प्रमुख ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है और अभियोजन पक्ष ने जो आरोप लगाए हैं, वैसा कोई भी अपराध उन्होंने नहीं किया। ट्रायल कोर्ट ने 21 मई को यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए थे। कोर्ट ने मामले में सह-आरोपी और WFI के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आपराधिक धमकी का भी आरोप तय किया था। मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की थी।