2021 में एक जनहित याचिका दायर करके बॉम्बे हाईकोर्ट से अपील की गई थी कि कोरोना को रोकने के लिए वो सरकार को हिदायत दे। याचिका में कहा गया था कि वायरस पर लगाम लगाने में बूस्टर डोज कारगर साबित हो सकती है। लिहाजा इसके लिए सरकार को आदेश दिया जाए।

खास बात है कि दो साल से बॉम्बे हाईकोर्ट इस याचिका को तवज्जो भी नहीं दे रहा था। रिट 2021 में दायर की गई थी तब कोविड अपने उतार पर था। लिहाजा कोर्ट को लगा कि फिलहाल इस पर सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना केस फिर से बढ़ने लगे तो हाईकोर्ट को लगा कि याचिका पर सुनवाई करने की तत्काल जरूरत है। रिट को रिकार्ड से निकलवाया गया और 27 अप्रैल की तारीख सुनवाई के लिए तय की गई। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वो देखेगा कि वैक्सीन की बूस्टर डोज लोगों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही हैं।

रिट में सरकार को आदेश देने की मांग

याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट से मांग की गई थी कि कोरोना को रोकने के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा आबादी को सूबे में वैक्सीन के बूस्टर डोज दिए जाए। रिट में कहा गया था कि सरकार इस तरफ संजीदगी से ध्यान नहीं दे रही है। कई वैक्सीन सेंटरों पर वैक्सीन ही नहीं होती तो बूस्टर डोज तो दूर की बात है। याचिका में हाईकोर्ट से अपील की गई थी कि महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया जाए कि वो बूस्टर डोज का इंतजाम करे। जब तक हाईकोर्ट कोई हिदायत जारी नहीं करेगा तब तक सरकार की नींद नहीं खुलने वाली है। सरकार अपनी तरफ से इंतजाम नहीं करने जा रही है।

2020 में आए कोरोना ने 2021 में मचा दिया था कहर

गौरतलब है कि कोरोना ने पहली बार 2020 में दस्तक दी थी। उस दौरान सारे देश में कई महीनों का लॉकडाउन तक लगाना पड़ गया था। हालात सामान्य होने में महीनों लगे। हालांकि उस दौरान कोरोना से लड़ने के लिए कोई कारगर वैक्सीन नहीं थी। कोरोना के कहर को देखते हुए दुनिया के तमाम देशों ने वैक्सीन बनाने की तरफ ध्यान दिया। वैक्सीन बनी भी। लेकिन तभी कोरोना की दूसरी लहर आ गई।

2021 के मध्य में आई लहर भयावह थी। कम सेकम भारत के लिहाज से ये कहर ढाने वाली थी। उस दौरान कितनी मौतें हुईं इसे लेकर सरकार के आंकड़ों पर WHO आज तक संदेह करता है। फिलहाल भारत के पास कोविशील्ड और कोवैक्सीन जैसे हथियार हैं जो कोरोना को रोकने का दावा करते हैं। याचिका में कहा गया है कि सरकार को आदेश दिया जाए कि जो बूस्टर डोज तैयार की गई हैं उन्हें लोगों तक पहुंचाने के लिए तत्काल आदेश जारी किया जाए।