बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नेस्ले इंडिया लिमिटेड और उसके अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला खारिज कर दिया। हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने 7 फरवरी को मैगी इंस्टेंट नूडल्स से संबंधित एक मामले में नेस्ले इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। यह मामला मैगी इंस्टेंट नूडल्स की क्वालिटी पर चिंताओं के कारण दायर किया गया था।

यह केस 4 अप्रैल, 2016 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नागपुर के समक्ष दर्ज कराया गया था। जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के की पीठ ने कार्यवाही रद्द करते हुए खाद्य नमूनों की जांच में प्रक्रियागत खामियों का उल्लेख किया।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने खाद्य सुरक्षा और मानक (FSS) अधिनियम के तहत दायर मामले को खारिज कर दिया। मामले को खारिज करने का आधार अमान्य लैब रिपोर्ट बताई गई। अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि अभियोजन आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि जिस रिपोर्ट पर भरोसा किया गया था, वह मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में नहीं की गई थी।

गाजियाबाद की लैब मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में से एक नहीं

अदालत ने अपने फैसले में कहा, “यह स्पष्ट है कि धारा 43(1) के अनुसार खाद्य विश्लेषक को एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त लैब में खाद्य पदार्थों का विश्लेषण करना होता है और खाद्य प्राधिकरण द्वारा भी मान्यता प्राप्त और उसके द्वारा अधिसूचित प्रयोगशाला में ही खाद्य पदार्थों का विश्लेषण करना होता है। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद स्थित रेफरल खाद्य प्रयोगशाला एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में से एक नहीं है। ऐसे में इसे एफएसएस अधिनियम की धारा 43(1) के तहत खाद्य प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला नहीं कहा जा सकता है।”

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फैसले में आगे कहा गया है कि खाद्य विश्लेषक की 31 दिसंबर, 2015 की रिपोर्ट को ध्यान में नहीं रखा जा सकता क्योंकि नमूनों का विश्लेषण एफएसएस अधिनियम की धारा 43 के तहत मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला द्वारा नहीं किया गया था। अदालत ने मामले को रद्द करते हुए फैसला सुनाया, “ऐसे में रिपोर्ट जो आवेदकों के खिलाफ अभियोजन शुरू करने का आधार है पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।”

मैगी नूडल्स के सैंपल में पाई गईं थीं खामियां

यह मामला अप्रैल 2016 में खाद्य सुरक्षा अधिकारी किरण रंगास्वामी गेदम द्वारा दर्ज की गई शिकायत से उपजा है। 30 अप्रैल, 2015 को नागपुर में नेस्ले इंडिया के लॉजिस्टिक हब के निरीक्षण के दौरान, खाद्य निरीक्षक द्वारा मैगी इंस्टेंट नूडल्स विद टेस्टमेकर और बेबी एंड मी हेल्थ सप्लिमेंट के सैंपल लिए गए थे।

पुणे स्थित राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला के खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट से पता चला कि मैगी नूडल्स आवश्यक मानकों पर खरे उतरे हैं। हालांकि, नतीजों से असंतुष्ट होकर उन्होंने सैंपल को गाजियाबाद स्थित रेफरल फूड लैबोरेटरी में भेजा, जहां दोबारा जांच रिपोर्ट से पता चला कि नूडल्स तय मानकों पर खरे नहीं उतरे। इस विसंगति के कारण नेस्ले इंडिया और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स