केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कृषि कानून वापसी बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो चुके हैं। इसके बाद खबर आई कि किसान अब आंदोलन को समाप्त कर घर वापसी कर रहे हैं। इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ किया है कि किसानों की वापसी को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है।
बता दें कि राकेश टिकैत ने कहा, “किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। MSP गारंटी कानून और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा। 4 दिसंबर, शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक है।” उन्होंने कहा कि शनिवार की मीटिंग में हम आंदोलन की आगे की रूपरेखा पर चर्चा करेंगे।
वहीं किसानों के हित में काम करने को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाई और कहा, “सारा देश इस बात का साक्षी है कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों के प्रति और कृषि के प्रति प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे। उनके 7 साल के कार्यकाल में जो ऐतिहासिक काम कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए हुए हैं, वे पहले कभी भी कांग्रेस सरकार में नहीं हुए।”
बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान आंदोलन चल रहे हैं। किसानों की मांग थी कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों किसान कानून वापस लिये जाएं। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। हालांकि अब किसान संगठन की मांग है कि सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून बनाये तब किसान अपना आंदोलन खत्म करेंगे।
वहीं 29 नवंबर को सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के पास किया गया। सोमवार को इन कानूनों की वापस पर राकेश टिकैत ने कहा था, “जिन 700 किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है। MSP भी एक बीमारी है। सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है। आंदोलन जारी रहेगा।”