कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध अब भी जारी है। 11 दौर की बैठकों के बावजूद अब तक विवाद का हल नहीं हो सका है। इस बीच किसानों की महापंचायत से अब भाजपा को अन्य राज्यों में बैकफुट पर लाने के ऐलान होने लगे हैं। इसका पहला पड़ाव पश्चिम बंगाल हो सकता है। महापंचायत से अब बंगाल चलो के नारे लगाए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि किसान संगठन आने वाले समय में बंगाल में भी आंदोलन की शुरुआत कर सकते हैं।

बता दें कि किसानों का आंदोलन अब तक दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अपना असर दिखाता रहा है। हालांकि, किसी और राज्य के किसानों का अब तक इन प्रदर्शनों से खास जुड़ाव नहीं रहा। लेकिन अब आंदोलनकारी किसानों ने अपील की है कि जो भी लोग उनका समर्थन नहीं करेंगे, उन्हें किसी राज्य में वोट नहीं मिलेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने तो यहां तक कहा है कि वे बंगाल में किसान पंचायतें करेंगे। वहीं दूसरे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि भाजपा हारेगी , तभी आंदोलन जीत सकता है। चढ़ूनी ने कहा, पश्चिम बंगाल में भी किसान हैं। वहां भी ज्यादा लोगों की जीविका खेती है। हम वहां भी जाएंगे। जो वोट का है, जो हमारे पक्ष में न आए, जो हमारी जीविका छीन रहा है, उसे बिल्कुल वोट न डालें। बाकी किसी को भी वोट दें।

भाजपा को सताया किसान आंदोलन के बढ़ने का डर: बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का बंगाल में कोई खास जनाधार नहीं है। खुद SKM भी कह चुका है कि उसकी तरफ से कभी बंगाल जाने की बात नहीं कही गई। इसके बावजूद भाजपा ने बंगाल में किसान आंदोलन के दखल से बचने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस आंदोलन से लगभग 40 लोकसभा सीटों पर नुकसान होने का डर सताने लगा है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ मंगलवार को बैठक की।

सूत्रों के मुताबिक, शाह ने पार्टी नेताओं से कहा कि वे अपने तीन कृषि कानूनों के लाभ समझाने से जुड़े अपने कैंपेन में तेजी लाएं। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि जो लोग किसानों को कथित तौर पर गुमराह कर रहे हैं, उन्हें बराबर लोगों से जवाब दिलवाएं। वहीं, पार्टी नेताओं ने बीजेपी नेतृत्व को जमीनी स्थिति पर अपने-अपने आकलन से रूबरू कराया और जारी आंदोलन व सरकार की ओर से हल की दिशा में प्रयास न होने पर चिंता व्यक्त की।