बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और पीएम मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करने पर शुक्रवार को कुछ लोगों ने पत्रकार निखिल वागले, पर्यावरणविद् विशंभर चौधरी और वकील असीम सरोदे पर हमला कर दिया। घटना के समय वे लोग कार से पुणे में ‘निर्भय बनो मंच’ की बैठक में शामिल होने जा रहे थे। वागले और चौधरी ने आरोप लगाया कि उनकी कार पर बीजेपी समर्थकों ने चार अलग-अलग स्थानों पर हमला किया। उन्होंने इस दौरान पुणे पुलिस पर भी हमलावरों को नहीं रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने बचाने की कोई कोशिश नहीं की।

दूसरी तरफ पुलिस अफसरों का कहना है कि आरोपी बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज की जा रही है। हमले के पीछे बीजेपी सिटी चीफ धीरज घाटे का बयान था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ ट्वीट करने पर वागले के शहर में प्रवेश का विरोध किया था। ट्वीट को लेकर बीजेपी नेता सुनील देवधर की शिकायत के आधार पर वागले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
वागले ने कहा, “हमें चतुरश्रृंगी और डेक्कन पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने वकील असीम सरोदे के घर पर चार घंटे तक इंतजार कराया। वे चाहते थे कि मैं मुंबई वापस जाऊं लेकिन मैंने कहा कि मैं सभा में शामिल हुए बिना ऐसा नहीं करूंगा।”

वागले ने कहा, जब वे वकील बालकृष्ण निधालकर की कार में सरोदे के घर से निकले तो कुछ लोगों ने वाहन पर पथराव किया और स्याही फेंकी।

उन्होंने बताया, “जब हमारा वाहन दांडेकर पुल के पास था तो कुछ लोगों ने पीछे का शीशा तोड़ दिया और वाहन के अंदर छड़ें और लाठियां डाल दीं। सरोदे ने मेरा सिर नीचे कर दिया अन्यथा मैं बुरी तरह घायल हो जाता।” वाहन में वागले, सरोदे और चौधरी के अलावा तीन अन्य लोग भी थे।

कार्यक्रम स्थल पर बीजेपी समर्थक कांग्रेस, एनसीपी (शरदचंद्र पवार), आप, वंचित भोजन अघाड़ी और भारत गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ आमने-सामने आ गए। हालांकि, पुलिसकर्मी वागले और अन्य लोगों को कार्यक्रम स्थल तक सुरक्षित पहुंचाने में कामयाब रहे, जहां उन्होंने बाद में अपना भाषण दिया।