नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह को बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक बिहार का मुख्यमंत्री बनवाना चाहते हैं। आम चुनाव जीतने के बाद वह जब पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय रविवार (नौ जून, 2019) को पहुंचे तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी के साथ उनका स्वागत किया। वे सब जोर-जोर से कह रहे थे- ‘ऐसा ही हो सीएम हमारा’ और ‘अगला मुख्यमंत्री कैसा हो?…गिरिराज सिंह जैसा हो…।’

पार्टी के एक स्थानीय नेता के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि हम सब उन्हें सूबे का अगला मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। बता दें कि बिहार के अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे समय पर राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं व समर्थकों की ओर से इस प्रकार की मांग का उठना मौजूदा सीएम और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।

गिरिराज ने हाल ही में सीएम नीतीश, लोजपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को एक इफ्तार पार्टी करने को लेकर सोशल मीडिया पर घेरा था। चार जून, 2019 को गिरिराज ने यह ट्वीट कर नीतीश के लिए लिखा, “कितनी खूबसूरत तस्वीर होती, जब इतनी ही चाहत से नवरात्र पर फलाहार का आयोजन करते और सुंदर फोटो आते? अपने कर्म में हम पिछ़़ क्यों जाते हैं और दिखावे में क्यों आगे रहते हैं?”

गिरिराज के इस हमले पर सीएम नीतीश बोले थे, “धार्मिक होने का मतलब केवल अपने धर्म की रीति-रिवाजों को मानना नहीं होता है, बल्कि दूसरे धर्म का सम्मान करना भी होता है…और जो लोग ऐसा नहीं मानते हैं, वे अधार्मिक होते हैं। कुछ लोग महज मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसे बयान देते हैं। मैं उनके किसी भी बयान पर कुछ नहीं कहूंगा।”

‘किशोर के संगठन के काम से जदयू का वास्ता नहीं’: सीएम नीतीश ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आईपैक) के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करने को लेकर शनिवार को कहा कि उनके संगठन के काम से जदयू का कोई वास्ता नहीं है। पटना में जदयू प्रदेश कार्यालय में अपनी पार्टी के आगामी पांच जुलाई तक चलने वाले सदस्यता अभियान को लेकर एक कार्यक्रम में सीएम बोले- आईपैक के काम से जदयू का कोई मतलब और संबंध नहीं है। बकौल नीतीश, “किशोर को पार्टी ने एक जिम्मेदारी सौंपी थी और पार्टी के काम में कोई दिक्कत नहीं है। उनके संगठन के इस निर्णय से जदयू का कोई सरोकार नहीं।” (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)