बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपनी नई टीम का गठन कर लिया है। जेपी नड्डा की नई टीम में 38 नेताओं को जगह मिली है। इस टीम में कई बड़े नेताओं को एंट्री दी गई है तो वहीं कइयों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस टीम से जेपी नड्डा ने 4 बड़े संदेश दिए हैं और 2024 के लिए बीजेपी की रणनीति भी साफ कर दी है।
चुनावी राज्य राजस्थान का रखा गया ध्यान
जेपी नड्डा ने अपनी जिस टीम का गठन किया है, उसमें चुनावी राज्यों का विशेष ध्यान रखा गया है। इसी साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और प्रदेश के 3 बड़े नेताओं को राष्ट्रीय टीम में रखा गया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सुनील बंसल को राष्ट्रीय महामंत्री और डॉ. अल्का सिंह गुर्जर को राष्ट्रीय सचिव के पद पर बरकरार रखा गया है। बीजेपी के लिए राजस्थान विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और यह वह राज्य है, जहां पर बीजेपी, कांग्रेस की अंदरूनी फूट का फायदा उठा सकती है और अपनी झोली में एक राज्य डाल सकती है।
यूपी में ‘मिशन 80’ पर जोर
जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम में उत्तर प्रदेश के 6 नेताओं को जगह दी है। बीजेपी उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। तो वहीं बीजेपी सांसद रेखा वर्मा को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उत्तर प्रदेश से ही सांसद अरुण सिंह को बीजेपी ने राष्ट्रीय महामंत्री बनाया है, जबकि राज्यसभा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल को भी राष्ट्रीय महामंत्री का पद दिया गया है। उत्तर प्रदेश से सांसद सुरेंद्र सिंह नागर को राष्ट्रीय सचिव का पद दिया गया है। बीजेपी ने मुस्लिम नेता तारिक मंसूर को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया है।
जेपी नड्डा ने अपनी उत्तर प्रदेश की टीम से लोकसभा की सभी 80 सीटों को कवर करने का प्रयास किया है। उत्तर प्रदेश से सांसद और राष्ट्रीय मंत्री रहे हरीश द्विवेदी को उनके पद से हटा दिया गया है। हालांकि ऐसा भी बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के समय अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है। तो उसके बाद एक ब्राह्मण चेहरे को मंत्रिमंडल में लिया जाएगा, जिसमें हरीश द्विवेदी भी हो सकते हैं।
पसमांदा मुस्लिमों को साधने की कोशिश
जेपी नड्डा ने अपने नई टीम के माध्यम से पसमांदा मुस्लिमों को भी साधने का प्रयास किया है। बीजेपी पसमांदा मुस्लिमों को लेकर काफी पहले से ही रुचि दिखा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार बीजेपी की बैठकों में कह चुके हैं कि इस समाज पर ध्यान दिया जाए। इसी को देखते हुए जेपी नड्डा ने 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की टीम में दो मुस्लिम नेताओं को नियुक्त किया है। तारिक मंसूर और अब्दुल्ला कुट्टी को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है।
बीजेपी का मानना है कि पसमांदा समाज को काफी समय से उनके हक से दूर रखा गया और इसलिए वे पीछे रह गए। बीजेपी ने केरल के अब्दुल्ला कुट्टी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। अब्दुल्ला कुट्टी पहले सीपीएम में थे और उसके बाद कांग्रेस में थे। वह लोकसभा और विधानसभा दोनों ही सदनों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन दोनों ही पार्टियों से उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के कारण निकाला गया था। अब पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। बीजेपी दक्षिण भारत में मुसलमानों को साथ में लेने के लिए उन्हें अपने साथ लेकर आई है।
परफॉर्मेंस न करने वाले नेताओं की छुट्टी
बीजेपी की टीम से परफॉर्मेंस ना करने वाले नेताओं की छुट्टी हुई है। सीटी रवी, राधा मोहन सिंह, दिलीप घोष, दिलीप सैकिया, सुनील देवधर, हरीश द्विवेदी, विनोद सोनकर और भारती सियाल को पद से मुक्त कर दिया गया है। जबकि तेलंगाना के बंदी संजय कुमार, राधा मोहन दास को जनरल सेक्रेटरी जबकि अनिल एंटनी, सुरेंद्र नागर और और कामाख्या तासा को नेशनल सेक्रेटरी और सरोज पांडे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सीटी रवि कर्नाटक से आते हैं और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है। सीटी रवि बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा के साथ चल रहे विवादों के कारण भी सुर्खियों में बने हुए थे। बीजेपी ने अब उनको पद से मुक्त कर दिया है। वहीं दिलीप घोष को भी पद से मुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि दिलीप घोष की बंगाल के बीजेपी नेताओं के साथ बन नहीं रही थी और एक मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है।