अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में टीवी चैनलों पर राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच बहस भी खूब देखने को मिल रही है। बता दें कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता तारिक अहमद लारी के बीच एक निजी न्यूज चैनल पर जोरदार बहस हुई।
दरअसल डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने सपा पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूलों में जुमे की छुट्टी देने वाले, मुजफ्फरनगर दंगे में मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ केस वापस लेने की बात करने वाले लोग सेक्युलरिज्म का पाठ कहीं और पढ़ाएं। यहां बड़बोलापन मत दिखाएं। उन्होंने कहा कि जिन्ना को लेकर सपा निशाना साधा कि, जिन्ना आप लोगों की डिक्शनरी में फ्रीडम फाइटर हैं।
इसपर पलटवार करते हुए सपा प्रवक्ता ने कहा, “तो फिर आडवाणी जी की डिक्शनरी में जिन्ना कैसे हो गये थे। उनके पास कौन सी डिक्शनरी है?” उन्होंने कहा कि आपके मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का जिन्ना के बारे में क्या कहना है, वो भी तो बताइए। इसके बाद दोनों दलों के प्रवक्ता की आपस में नोकझोंक होने लगी।
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और अटल सरकार में पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और स्वामी प्रसाद मौर्या भी अलग-अलग मामलों में मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ कर चुके हैं।
क्या कहा था लाल कृष्ण आडवाणी ने: दरअसल आडवाणी 2005 में पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। वहां कराची में जिन्ना के मकबरे पर जाकर उन्होंने जिन्ना की तारीफ की थी। आगंतुक रजिस्टर में उन्होंने लिखा था, ‘इतिहास पर अपनी अमिट पहचान छोड़ने वाले ऐसे कई लोग हैं। लेकिन बहुत कम लोग हैं जो सच में इतिहास बनाते हैं, कायद-ए-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना उनमें से एक दुर्लभ व्यक्ति थे। इस महान व्यक्ति को मेरी आदरणीय श्रद्धांजलि।”
क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्या ने: योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2018 में जिन्ना से जुड़े एक विवाद पर कहा था कि बंटवारे से पहले देश में जिन्ना का भी योगदान था। उन्होंने कहा था कि जिन्ना ने भी महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ ही आजादी की लड़ाई लड़ी थी। उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता।
अखिलेश यादव ने क्या कहा: 31 अक्टूबर 2021 को यूपी के हरदोई में अखिलेश यादव ने एक जनसभा में कहा था, ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे।’