Who will be New BJP President: भाजपा अपने नए अध्यक्ष की तलाश कर रही है और जल्द ही पार्टी इसकी घोषणा कर सकती है। वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2023 में ही खत्म हो गया था लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के चलते उन्हें एक्सटेंशन दिया गया था। अब वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हैं और पार्टी के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया भी जारी है। कई राज्यों के अध्यक्ष चुने जा चुके हैं तो कई राज्यों में अभी चुनना बाकी है।

कब मिलेगा बीजेपी को अध्यक्ष?

सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। वैसे तो अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, धर्मेंद्र प्रधान और शिवराज सिंह चौहान का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है। लेकिन इसके अलावा दो अन्य ऐसे नाम हैं जो इस पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। ये दो नाम हैं- भूपेंद्र यादव और निर्मला सीतारमण। दोनों ही मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और पार्टी नेतृत्व और संघ के भी करीबी हैं।

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निर्मला सीतारमण का चांस अधिक

65 वर्षीय निर्मला सीतारमण वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री हैं। 2019 से निर्मला वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में बागडोर संभाली थी, तब भी निर्मला सीतारमण को अपनी कैबिनेट में शामिल किया था। निर्मला सीतारमण साउथ से आती हैं और तमिलनाडु उनका गृह राज्य है। वर्तमान में देश में परिसीमन को लेकर बहस छिड़ी हुई है। दक्षिण भारत के विपक्षी राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि परिसीमन अगर वर्तमान आधार पर हुआ तो दक्षिण भारत से सीटें कम होगी और उत्तर भारत में सीटें बढ़ेगी। इसका फायदा बीजेपी को होगा।

वहीं बीजेपी के पास अभी दक्षिण भारत में एक भी राज्य में सरकार भी नहीं है। कर्नाटक में वह सत्ता से बाहर हो चुकी है। पार्टी तेलंगाना और तमिलनाडु में पैर जमाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी की कोशिश है कि तेलंगाना में अगले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना तो वहीं तमिलनाडु में भी पार्टी जीत के लिए तो लड़ रही है लेकिन स्थिति को देखते हुए वह जरूर चाहती होगी कि अगले चुनाव में वह राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बन जाए। ऐसे में निर्मला सीतारमण का नाम अध्यक्ष पद के लिए सबसे प्रबल दावेदारों के रूप में एक है।

बीजेपी की पहली महिला अध्यक्ष हो सकतीं निर्मला

निर्मला सीतारमण अनुभवी भी हैं और शीर्ष नेतृत्व की करीबी हैं। ऊपर से महिला भी हैं। ऐसे में यह संभव हो सकता है कि निर्मला सीतारमण के रूप में बीजेपी को पहली महिला अध्यक्ष भी मिल जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निर्मला सीतारमण पर पूरा भरोसा है। इसका अंदाजा केंद्र में उनके पद से लगाया जा सकता है। 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता संभाली, तब उन्होंने सीतारमण को राज्य मंत्री के रूप में फाइनेंस और कॉरपोरेट अफेयर्स की जिम्मेदारी मिली तो वहीं 2017 में निर्मला सीतारमण देश की रक्षा मंत्री बन गईं। 2019 में जब दूसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, तब निर्मला सीतारमण को महत्वपूर्ण वित्त मंत्रालय मिल गया। वहीं जब तीसरी बार पीएम मोदी ने सत्ता संभाली तो निर्मला सीतारमण को एक बार फिर से वित्त मंत्रालय दिया गया।

वित्त मंत्रालय किसी भी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय होता है और निर्मला सीतारमण लगातार इसे संभाल रही है। निर्मला सीतारमण ने 2008 में बीजेपी ज्वाइन की थी और उसके बाद उन्हें तुरंत पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया गया था। 2014 में निर्मला सीतारमण को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली और उनके लिए राज्यसभा का रास्ता भी खुल गया। 2008 से पहले निर्मला सीतारमण राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

भूपेंद्र यादव भी मजबूत दावेदार

बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए भूपेंद्र यादव का नाम भी सबसे प्रबल और मजबूत दावेदारों के रूप में एक है। भूपेंद्र यादव वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। 2010 से भूपेंद्र यादव पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर हैं। 2010 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था। भूपेंद्र यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। भूपेंद्र यादव चुनाव के दौरान कई राज्यों के प्रभारी रहे हैं और उन राज्यों में पार्टी को सफलता भी हासिल हुई है। भूपेंद्र यादव ओबीसी समाज से आते हैं और जातीय समीकरण से भी वह फिट बैठते हैं।

कुछ महीने पहले ही महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने भूपेंद्र यादव को प्रभारी बनाया था और उन्होंने पार्टी को बड़ी सफलता दिलाई। लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में बीजेपी को झटका लगा था और उसके तुरंत बाद भाजपा ने भूपेंद्र यादव को प्रदेश जिताने की जिम्मेदारी दी। भूपेंद्र यादव को संगठन चलाने में कुशल माना जाता है। इससे पहले भूपेंद्र यादव यूपी और बिहार के प्रभारी भी रह चुके हैं।