बजट में ईपीएफ निकासी के वक्त टैक्स लगाने के प्रस्ताव से भाजपा सांसद नाराज हैं। उनका मानना है कि इस कदम से पार्टी का कोर समर्थक मध्यम वर्ग विरोधी बन सकता है। हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों को बताया कि इस फैसले से बचत को बढ़ावा मिलेगा और पेंशन वाला समाज बनेगा। जेटली ने मंगलवार को कहा कि बजट प्रस्ताव को लेकर कुछ गलतफहमी है कि पीएफ पर टैक्स लगेगा।
सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘ उन्होंने समझाया कि जमा के 60 फीसदी ब्याज पर ही टैक्स लगाया जाएगा और मूलधन से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। इससे वरिष्ठ नागरिकों की मदद होगी। साथ ही बचत को बढ़ावा मिलेगा औ समय से पहले धन निकासी नहीं होगी।’ इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। अरुण जेटली के बयान के बाद शिरोमणि अकाली दल नेता नरेश गुजराल ने कहा कि वे इस सफाई से संतुष्ट हैं।
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जेटली की सफाई से हालांकि सभी संतुष्ट नहीं हुए। एक भाजपा सांसद ने कहा, ‘जेटलीजी ने ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों के लिए अच्छा बजट पेश किया है। लेकिन बजट से मध्यम वर्ग नाराज हो सकता है। इससे हमें चुनावों में नुकसान हो सकता है। हम वित्त मंत्री से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहेंगे।’ आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ ने भी प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने इसे कामकाजी लोगों के खिलाफ बताया है।
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संघ के जोनल ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी पवन कुमार ने बताया, ‘ पहले उन्होंने हमारी सैलरी से इनकम टैक्स काट लिया। अब वे हमारी बचत पर भी टैक्स लगाना चाहते हैं। कई लोगों के लिए ईपीएफ ही बचत है।’ उन्होंने बताया कि सरकार से समझाइश का प्रयास किया जाएगा। प्रस्ताव को वापस नहीं लिए जाने पर सड़कों पर उतरेंगे और प्रदर्शन करेंगे।