Varun Gandhi: अपनी ही सरकार पर अक्सर हमला बोलने वाले वरुण गांधी ने अपने एक ट्वीट से कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया है। पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में एक खबर शेयर की है। वरुण गांधी ने लिखा है कि क्या एक सुरक्षित एवं बेहतर जीवन की अपेक्षा हर भारतीय नागरिक का अधिकार नही है?
वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में सवाल किया, “घाटी में राहुल भट्ट जी की निर्मम हत्या के बाद से चल रहे कश्मीरी पंडितों के आंदोलन को अब 90 दिन बीत चुके हैं। पंडितों की पीड़ा एवं वेदना समझे बिना उनकी माँगों को अनसुना कर उनका वेतन तक रोक दिया गया है। क्या एक सुरक्षित एवं बेहतर जीवन की अपेक्षा हर भारतीय नागरिक का अधिकार नही है?”
बता दें कि राहुल भट्ट को आतंकियों ने इसी साल मई महीने में मौत के घाट उतार दिया था। राहुल राजस्व विभाग में कर्मचारी थे। उन्हें आतंकियों ने 12 मई को गोलियों से भून दिया था। इस तरह की टारगेट किलिंग के चलते कश्मीर में खौफजदा पांच हजार कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपने ट्रांसफर की मांग पर अडे़ हैं।
उनकी मांग पर प्रशासन ने सिर्फ पांच कर्मचारियों को घाटी से बाहर ट्रांसफर किया है बाकियों को घाटी में ही रखा है। ऐसे में समस्या यह खड़ी हो गई है कि तबादला पा चुके कर्मचारी नई तैनाती पर नहीं जा रहे। इससे उनका वेतन रुका हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस जगह इन कर्मचारियों को ट्रांसफर किया गया, वहां उन लोगों ने ज्वाइन नहीं किया है। इसमें अधिकतर पीडब्ल्यूडी, वित्त विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य और योजना विभाग के कर्मचारी हैं।
प्रदर्शन कर रहे डॉ अग्निशेखर ने बताया कि प्रधानमंत्री पैकेज हमारे लिए सजा का पैकेज बन गया है। हम अपनी मांग को लेकर 90 दिन से धरना दे रहे हैं। हमारी बात सुनने वाला कोई नहीं है। दरअसल पांच हजार विस्थापितों कश्मीरी पंडितों को पीएम पैकेज के जरिए नौकरी दी गई थी। वहीं आतंकियों द्वारा हो रही टारगेट किलिंग के चलते कश्मीरी पंडितों में भय बना हुआ है।