भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर जारी तनाव के बीच मोदी सरकार पर चीनी सरकार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देने का दबाव बढ़ता जा रहा है। जहां पीएम मोदी दो दिन पहले खुद यह कह चुके हैं कि भारत अपनी स्वायत्ता के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अपने चीनी समकक्ष वांग यी को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर चेतावनी दे चुके हैं। इस बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि पीएम मोदी को अब खुद आगे आकर चीनी राष्ट्रपति का नाम लेकर उनसे कोरोनावायरस महामारी पर जवाब मांगना चाहिए और गलवान घाटी को खाली कराने पर बात करनी चाहिए।
स्वामी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “यह हास्यास्पद है कि विदेश मंत्री कोरोनावायरस महामारी पर चर्चा के लिए अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री को उन्हें बैठक में न शामिल होने के लिए कहना था या फिर स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को बैठक में भेजना था। अब जरूरत है कि पीएम मोदी शी जिनपिंग का नाम लेकर उन्हें गलवान घाटी खाली करने के लिए कहें।”
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी लगातार विदेश मामलों में केंद्र सरकार को लगातार सलाह देते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर चीन भारत के साथ युद्ध में जाता है, तो हम उन्हें बुरी तरह हराएंगे। स्वामी ने कहा कि 90 फीसदी भारतीय चाहते हैं कि अगर शांतिपूर्वक तरीके से मामला नहीं सुलझता है, तो भारत को युद्ध में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक संवेदनशील देश है। कोई अगर हमारी जमीन पर कब्जा करता है, तो यह चुनौती है।
हाल ही में नेपाल से उभरे सीमा विवाद पर स्वामी ने कहा था कि भारत को अपनी विदेश नीति में बदलाव करने की जरूरत है। स्वामी ने विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आखिर कैसे नेपाल भारत के क्षेत्र को अपना बता सकता है? उनकी भावनाओं पर ऐसा क्या आघात हुआ, जो वे भारत से टूट जाना चाहते हैं? क्या यह हमारी नाकामी नहीं है? भारत की विदेश नीति को भी बदलने की जरूरत है।