राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यसभा के उप सभापति द्वारा सदन की कार्यवाही से उनकी टिप्पणी को हटाए जाने को चुनौती दी है। स्वामी ने उप सभापति पीजे कूरियन के इस फैसले को मनमाना, अनुचित और सदन के नियमों के खिलाफ बताया है। राज्यसभा में मनोनीत सांसद स्वामी ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया था कि संप्रग सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की निर्माता कंपनी फिनमेकेनिका को ब्लैक लिस्ट कर दिया। था। यह एक ‘झूठ’ है। उन्होंने कहा कि यह झूठ बोलने के लिए वह उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की मांग करेंगे।
स्वामी ने अल्पसंख्यक संस्थान के मामले पर बोलते हुए गुरुवार को कांग्रेस सदस्यों को निशाना बनाया था। इस संबंध में उन्होंने कुछ टिप्पणियां की थीं जिन्हें राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने कार्यवाही से हटा दिया था। कुरियन ने स्वामी से कहा था कि वह बेवजह दूसरे पक्ष को उकसा रहे हैं। उन्होंने स्वामी से ऐसा नहीं करने को कहा। स्वामी ने शुक्रवार को एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैंने उप सभापति द्वारा मेरे शब्दों को कार्यवाही से हटाए जाने को चुनौती देते हुए राज्यसभा में एक नोटिस दायर किया है क्योंकि यह मनमाना , अनुचित और राज्यसभा के नियमों के खिलाफ है।’
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एक अन्य ट्वीट में स्वामी ने कहा, ‘मैं राज्य सभा में यह झूठ कहने के लिए गुलाम नबी आजाद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की आज मांग करूंगा कि संप्रग ने फिनमेकेनिका को काली सूची में डाल दिया था।’ संसद में एक मनोनीत सदस्य के रूप में प्रवेश करने के बाद से स्वामी द्वारा कांग्रेस पर निशाना साधने का सदन में कई बार विरोध हुआ है। आसन ने दो दिन में उनकी कुछ टिप्पणियों को सदन से हटा दिया है जिनमें से अधिकतर टिप्पणियां कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को निशाना बनाकर की गई थीं।
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