भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर से तालिबान के खिलाफ पीएम मोदी से एक्शन लेने की अपील की है। स्वामी ने ट्वीट कर पीएम मोदी से ब्रिक्स में तालिबान के खिलाफ प्रस्ताव पास करने के लिए कहा है।

स्वामी ने ट्वीट कर कहा- “मैं प्रधानमंत्री मोदी से अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ बर्बरता के लिए तालिबान की निंदा करने के लिए एक मजबूत सार्वजनिक बयान देने का आह्वान करता हूं। ब्रिक्स से तालिबान के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराएं। अगर ब्रिक्स सहमत नहीं है तो ब्रिक्स से बाहर निकलें”।

एक और ट्वीट में उन्होंने तालिबानी क्रूरता का जिक्र करते हुए भारत के मुस्लिम धर्म गुरुओं से विरोध करने का भी आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत के देशभक्त नागरिक उम्मीद करते हैं कि भारतीय मुस्लिम, मौलवी अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ असभ्य व्यवहार और क्रूरता का विरोध करेंगे। तालिबान ने इसे सही ठहराने के लिए इस्लामी धर्मग्रंथों का हवाला दिया। अगर मौलवी इस बात से इनकार करते हैं कि शास्त्र इसे सही ठहराते हैं, तो उन्हें इसका विरोध करना चाहिए।

स्वामी इससे पहले भी तालिबान के खिलाफ सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की थी। स्वामी ने कहा था कि अगर अभी हमने अभी कुछ नहीं किया तो तालिबान,चीन और पाकिस्तान तीनों मिलकर पीओके से भारत के खिलाफ साजिश रच सकते हैं। यह हमारे लिए जबरदस्त राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा है।

स्वामी ने ऑनलाइन हो रहे एक डिस्कशन में कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि हमें इस झंझट में नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन अगर झंझट ही हमारे पास आ जाए तो क्या करेंगे।

हाल के दिनों में ये अक्सर देखा जाता रहा है कि स्वामी, मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार लिखते रहे हैं। कभी विदेश नीति को लेकर तो कभी आर्थिक नीति को लेकर। विदेश नीति को लेकर, स्वामी तो विदेश मंत्री एम. जयशंकर की भी आलोचना कर चुके हैं। हालांकि इस बार ब्रिक्स को लेकर जो सुझाव स्वामी दे रहे हैं, वहां प्रस्ताव पास कराना आसान नहीं है।

ब्रिक्स में पांच देश हैं- भारत, रूस, चीन, ब्राजील और अफ्रीका। इसमें से चीन पूरी तरह से तालिबान के सपोर्ट में है, उसे मदद कर रहा है। रूस भी तालिबान में दिलचस्पी दिखा रहा है। इसलिए यहां भारत अगर तालिबान के खिलाफ कोई भी प्रस्ताव लाता है तो चीन सपोर्ट नहीं करेगा और शायद रूस भी। ऐसे में पीएम मोदी शायद ही स्वामी की इस सलाह को मानें।