Pratap Sarangi: नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 में मंत्री रह चुके प्रताप सारंगी अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप सारंगी साल 2019 में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के दौरान सुर्खियों में आए थे। वह जुलाई 2021 के केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे। उस समय न सिर्फ प्रताप सारंगी की सादगी बल्कि उनके फूस के घर की तस्वीरें भी वायरल हुई थीं।

अब प्रताप सारंगी (BJP MP Pratap Sarangi) फिर से सुर्खियों में हैं… वजह है उनके द्वारा दिल्ली में बनवाया गया मिट्टी का घर। प्रताप सारंगी ने राजधानी नई दिल्ली अपने आधिकारिक आवास पर फूस की छत वाला ‘मिट्टी का घर’ बनवाया है। प्रताप सारंगी ने मीडिया को बताया कि वह इस इको फ्रेंडली घर (Eco Friendly House) का इस्तेमाल गेस्ट क्वार्टर (Guest Quarter) के रूप में करेंगे।

जब अपनी भाषा में मुद्दा न उठाने देने पर निराश हो गए सारंगी

बात पिछले साल जुलाई के अंत की है। लोकसभा सत्र चल रहा था। इस सत्र में प्रताप सारंगी उड़िया भाषा में ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच ‘कोस्ट कनाल’ (तट नहर) का मुद्दा उठाना चाहते थे। जैसे ही उन्होंने बोलना शुरू किया, चेयर की तरफ से उन्हें कहा गया कि उन्हें पहले से नोटिस देना चाहिए था।

बीजेपी सांसद ने बताया कि उन्होंने नोटिस दिया है लेकिन सभापति ने कहा कि ट्रांसलेटर मौजूद नहीं है और उन्हें इंतजार करना होगा। इसके बाद प्रताप सारंगी ने पीठासीन अधिकारी को समझाने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं रहे। इसके बाद सारंगी के चेहरे पर उदासी साफ तौर पर देखी जा सकती थी। वे कुछ देर के लिए सदन से बाहर चले गए, बाद में उन्होंने अपना सबमिशन अंग्रेजी में दिया।

रामकृष्ण मठ में शामिल होना चाहते थे सारंगी

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सारंगी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि जब वह 28 साल के थे तो वह आध्यात्मिक मुक्ति पाने के लिए बेलूर मठ में रामकृष्ण मठ और मिशन में शामिल होना चाहते थे। इतना ही नहीं, वह स्वामी आत्मस्थानंद से मिलने में भी सफल रहे, जिन्होंने सारंगी से पूछा कि क्या उनके ऊपर किसी की जिम्मेदारी है।

जब सारंगी ने कहा कि उनकी एक बूढ़ी और विधवा मां है, जो उनपर भरोसा करती है तो उन्हें मां की देखभाल करने की सलाह दी गई। इसके बाद प्रताप सारंगी ने शादी नहीं की और अपनी मां के अंतिम समय उनका ख्याल रखा। अपने चुनावी हलफनामें में प्रताप सारंगी ने 1.5 लाख रुपये की चल संपत्ति और 15 लाख रुपये की अचल संपत्ति घोषित की थी. उनकी आय के स्रोत पेंशन और खेती हैं।