jकांग्रेस के पुराने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में शामिल किए जाने से इसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा नाराज बताए जाते हैं। अटकलें हैं कि झा पार्टी से इस्तीफा भी दे सकते हैं। प्रभात झा की कर्मस्थली मध्य प्रदेश रहा है। सिंधिया के बीजेपी में आने से माना जा रहा है कि प्रभात झा को राज्यसभा की सीट कुर्बान करनी होगी।
अटकलें हैं कि सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाने की शर्तों के साथ बीजेपी में लाया गया है। मध्य प्रदेश में प्रभात झा खुद को राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में देख रहे थे।
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अगर प्रभात झा ने इस्तीफा दिया और अपने समर्थक कुछ विधायकों का भी इस्तीफा दिलवाने में कामयाब हुए तो मध्य प्रदेश एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता की चपेट में आ सकता है। सिंधिया समर्थक विधायकों के समर्थन से मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने की कवायद को भी झटका लग सकता है।
4 जून, 1957 को जन्मे प्रभात झा ने 2012 में कहा था कि वह 62 साल की उम्र में राजनीति से संन्यास ले लेंगे। वह 62 से ज्यादा उम्र के हो गए हैं और उनकी राज्यसभा सांसदी भी खत्म हो रही है।लेकिन, तीन दिन पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा था कि पार्टी जो फैसला करेगी, वह मंजूर होगा।
फिलहाल इस बारे में प्रभात झा का कोई बयान अभी नहीं आया है। लेकिन, झा ने 2017 में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सौ अरब के संपत्ति घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
सिंधिया और झा में हमेशा 36 का आंकड़ा रहा है। सिंधिया ने झा को कभी अपने कद का नेता नहीं माना। अब जब वह भाजपा में हैं और काफी अहमियत के साथ लाए गए हैं तो झा का कद अपनी पार्टी में भी छोटा होने की पूरी आशंका है। इस वजह से भी प्रभात झा की नाराजगी की अटकलों को बल मिलता लग रहा है।
रूठने को लेकर दी ये सफाईः हालांकि, बाद में प्रभात झा ने अपनी नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा- निरर्थक और निराधार ख़बरों से मेरा कोई संबंध नहीं है। इस शरारतपूर्ण खबर कि मैं भर्त्सना करता हूं। मेरी प्रामाणिकता, नैतिकता और पार्टी निष्ठा को कोई चुनौती नहीं दे सकता।