लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजों के बाद बीजेपी के लिए अपने गठबंधन (NDA) साथियों के साथ तालमेल बनाए रखना जरूरी है। ऐसा माना जा रहा है कि अपने सहयोगी दलों के साथ BJP ने एक मीटिंग रखी है। यह मीटिंग आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर होने वाली है। बैठक पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर रखी जा रही है, लेकिन चर्चा है कि आंबेडकर मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच BJP किसी तरह का मौका नहीं चूकना चाहती है और अपने सहयोगी दलों के साथ संबंध और मजबूत बनाना चाहती है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस मुद्दे को पूरी तरह अपने हाथ में लिया हुआ है और BJP पर सियासी हमले तेज किए जा रहे हैं।

राजनीतिक मुद्दों पर सहयोगी दलों को एक साथ लाने का प्रयास

लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजे सामने आने के बाद से बीजेपी की गठबंधन में सहयोगी दलों पर निर्भरता काफी बढ़ गई है। क्योंकि पार्टी के पास अकेले बहुमत नहीं है। उसे JDU, TDP का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में BJP यह प्रयास कर सकती है कि मौजूदा राजनीतिक मुद्दों पर वह अपने सहयोगी दलों की ओर से आश्वस्त रहे और उनका समर्थन उसे प्राप्त रहे।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कई मुद्दों पर BJP अपने सहयोगी दलों से समर्थन मांग सकती है। विपक्ष के खिलाफ एकजुट होने की बात कह सकती है।

आंबेडकर मुद्दे पर घिर गई है BJP?

चुनावी विश्लेषक मानते हैं कि BJP को 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से ‘संविधान’ को लेकर चलाए गए अभियान से खासा नुकसान हुआ है। विपक्ष ने यह कैम्पेन चलाया कि बीजेपी संविधान को खत्म कर देना चाहती है, और विपक्ष इस कैम्पेन को लोगों तक पहुंचाने में भी कामयाब रहा।

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अब BJP को डर है कि गृहमंत्री अमित शाह के आंबेडकर से जुड़े बयान के बाद विपक्ष इस मुद्दे को भी इस ही तरह भुना सकता है। राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था,”अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” इस बयान के बाद कांग्रेस ने इसे बाबा साहब का अपमान बताया था और गृहमंत्री से माफी मांगने और इस्तीफे देने की मांग की थी।