ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद के बीजेपी छोड़ने के बाद सचिन पायलट को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया था। इस बीच बीजेपी नेता रीता बहुगुणा जोशी ने बयान दिया कि उनकी बात सचिन पायलट से हुई है। उनके बयान पर मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि रीता बहुगुणा जोशी की बात मुझसे नहीं सचिन तेंदुलकर से हुई होगी। उन्होंने कहा कि उनमें मुझसे बात करने की हिम्मत नहीं है।

गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेसी नेता रीता बहुगुणा जोशी ने यह बयान देकर अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया था कि उनकी बात सचिन पायलट से हुई है और वो भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बताते चलें कि इससे पहले भी कई बार सचिन पायलट के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जाते रहे हैं। लेकिन उन्होंने हर बार इसे खारिज किया है। बताते चलें कि पायलट के बीजेपी में शामिल होने के कयासों को उस समय बल मिला था जब गुरुवार सुबह छह विधायक सचिन पायलट से मिलने उनके घर पहुंचे थे।

इनमें पूर्व मंत्री और डीग विधायक विश्वेंद्र सिंह भी शामिल रहे। इन विधायकों ने कांग्रेस नेतृत्व द्वारा पायलट की असंतुष्टि पर ध्यान न देने और 10 महीने पहले गठित कमेटी द्वारा उनकी शिकायत की कोई सुनवाई न करने का मुद्दा उठाया था। पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी का तो साफ कहना है कि जब पंजाब में सिद्धू की शिकायत 10 दिन में सुनी जा सकती है, तो पायलट की क्यों नहीं?

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद जैसे युवा चेहरों के जाने से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस का नेतृत्व करने वाली अगली पीढ़ी कहे जाने वाले इन दो नेताओं के जाने से पार्टी का संतुलन बिगड़ा है। इतना ही नहीं कांग्रेस के सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा जैसे युवा नेता भी नाराज बताए जा रहे हैं।

अब कांग्रेस नेतृत्व अपने बचे हुए नेताओं को मनाने में जुटा है। हालांकि, राजस्थान में सरकार अपने ही विधायकों से उलझी है। राज्य में चल रहे घटनाक्रम पर गौर करें, तो साफ है कि सीएम गहलोत का गुट सचिन पायलट को पूरी तरह शक्तिहीन करने की कोशिश में जुटा है। इसके लिए पायलट गुट के विधायकों को तोड़ने की रणनीति भी बनाई जा रही है।